
मकर संक्रांति पर्व को लेकर इन दिनों दूध की घोर किल्लत छाई हुई है | पचीस से तीस रुपये प्रति किलो मिलने वाला दूध इस समय अस्सी से सौ के भाव पर भी नहीं मिल रहा है | कारण कि इस महान लोक पर्व के मौके पर दही चूड़ा खाने और संदेश भेजने का सदियों पुराना प्रचलन है | जिसकी वजह से इस पर्व को दही चूड़ा पर्व के
नाम से भी जाना जाता है |
इस दही चूड़ा पर्व के मौके पर हर घर में दही जमाया जाता है | जिसे लेकर कई दिनों पहले से ही दूध की ख़रीदारी शुरू हो जाती है | इसके अलावा दूध बेचने वाले भी स्वयं दही जमाने के लिए दूध की बिक्री बंद कर देते हैं | ऐसी विषम परिस्थिति में लोग सुधा डेयरी के दूध का सहारा लेते हैं | जिससे दूध मुंहे बच्चे और चाय के आदतन लोगों का काम चल सके | परंतु नवगछिया में सुधा डेयरी का एक ही काउंटर स्टेशन प्लेटफार्म पर है | जहां इस डेयरी का दूध नहीं बेचा कर अन्य कंपनियों का बोतल बंद पानी ही ज्यादा बेचा जाता है | जिसकी वजह से नवगछिया बाजार तो क्या स्टेशन पर भी यात्रियों को चाय तक पर आफत हो गयी है |
इस मौके पर नवगछिया के दर्जनों लोगों ने भागलपुर स्थित सुधा डेयरी संचालक से नवगछिया में दूध की वैकल्पिक व्यवस्था कराने की मांग की है |