
रूपम का इंतजार कर रहे थे। जेल से रिहा होने के बाद रूपम अपने परिजनों के साथ गाड़ी पर सवार हो पूर्णिया चली गईं।
सेंट्रल जेल के सूत्रों के अनुसार पटना बेउर जेल से 7 जून, 2012 को रूपम को भागलपुर सेंट्रल जेल लाया गया था। उसे महिला वार्ड में अन्य महिला आरोपियों के साथ रखा गया था। जेल में रूपम पाठक की गतिविधि सामान्य थी। ये महिलाओं के साथ बैठकर बातें करती थीं। इस दौरान कभी भी घटना के संबंध में किसी से बातचीत नहीं करती थीं। जेल के अधिकारियों के साथ भी रूपम का व्यवहार अच्छा था।