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जमीन कब्जे को ले फायरिंग, विधायक गोपाल मंडल का कॉलर पकड़ा

भागलपुर शहर के भीड़भाड़ वाले क्षेत्र एमपी द्विवेदी रोड से सटे इमदाद अली लेन में एक जमीन पर कब्जे को लेकर सोमवार को दो पक्षों के बीच जमकर गोलीबारी हुई। दोनों ओर से आठ गोलियां चलने की बात कही जा रही है । दोनों पक्ष एकदूसरे पर फायरिंग का आरोप लगा रहे हैं। एक पक्ष की मदद में पहुंचे गोपालपुर के जदयू विधायक एवं पार्टी के सचेतक
नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल का
कॉलर पकड़ा गया। उनके साथ हाथापाई भी की गई। मौके पर उत्तेजित विधायक ने जान बचाने के लिए अपनी लाइसेंसी पिस्टल से एक गोली चलाई। गोली चलने के बाद मौके पर पहुंची तातारपुर पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया।
उक्त विवादित जमीन पर दोनों पक्ष अपना-अपना दावा प्रस्तुत कर रहे हैं। घटना को लेकर पांच घंटे तक अफरा तफरी मची रही। स्थानीय व्यवसायी घटना को लेकर पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं। पुलिस बूढ़ानाथ के देव कुमार पांडेय को घटनास्थल से पूछताछ के लिए थाने लाई है।
पुलिस ने तेतरी निवासी जयप्रकाश महंत के आवेदन पर देव समेत अन्य अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है। जयप्रकाश  महंत जेपी आंदोलनकारी संपूर्ण क्रांति मंच के संयोजक हैं। विधायक ने बताया, वे बरारी स्थित अपने आवास पर टहल रहे थे। तभी अचानक जयप्रकाश की पत्‍‌नी सरिता देवी ने उन्हें फोन किया, उनके घर पर 50 से अधिक लोग हथियार से लैस होकर आ धमके हैं। इनमें 20 से अधिक महिलाएं हैं। सभी लोग जमीन खाली कराने के लिए उन्हें घर से निकाल रहे हैं। बाद में महंत के पुत्र आलोक कुमार झा उर्फ पलटू ने उन्हें घटना की पूरी जानकारी दी। आलोक को उन्होंने कोतवाली जाकर अपनी जान बचाने की सलाह दी। बाद में वे खुद घटनास्थल के लिए चल पड़े। सबसे पहले वे कोतवाली गए। वहां डीएसपी, इंस्पेक्टर को खोजा। दोनों अधिकारियों के नहीं मिलने पर मुंशी को पूरे मामले की जानकारी दी। स्वयं घटनास्थल पर पहुंचे। वहां गेट के अंदर व बाहर भारी भीड़ जमा थी। इस पर उन्होंने अपना परिचय दिया। जब वे आगे बढ़े तो दूसरे पक्ष के लोग उन पर झपट पड़े। उनका कालर पकड़ लिया, उनसे उलझ गए। तब उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए हवाई फायर किया। इस पर विपक्षियों ने भी छह-सात फायर झोंक दिए।
विधायक का कहना है, बूढ़ानाथ के देव कुमार पांडेय के नेतृत्व में वहां गुंडों की फौज जमा थी। अंगरक्षक नहीं होता तो उनकी हत्या हो जाती। विधायक के अनुसार जब उन्होंने सीएम को फोन मिलाया तो गुंडे वहां से खिसकने लगे।
जमीन पर दखल लेने पहुंचे देव कुमार पांडेय ने बताया, विधायक के आरोप गलत हैं। जिस जमीन पर वो कब्जा लेने आए थे वो जमीन उनकी है। देव ने कहा, विधायक व उनके समर्थकों ने सात गोलियां चलाई। मैं निहत्था आया था। मैंने विधायक का अपमान नहीं किया है। जब मेरे ऊपर गोली चलाई गई तो मैंने इसकी सूचना तातारपुर थानाध्यक्ष को दी। महंत मेरे मकान में रह रहे हैं। 10 साल से किराया नहीं दे रहे हैं। गालियां देकर मेरे पिता को भगा दिया। अब कोर्ट में निर्णय होगा। देव के अनुसार वह बेंगलूर में फाइनेंस कंपनी में काम करते हैं।
वहीं जयप्रकाश महंत का कहना है, उनके पास जमीन के पर्याप्त कागजात हैं। विपक्षी दो बार हाई कोर्ट में मुकदमा हार चुका है। मैं जमीन का दखलकार हूं। रजिस्ट्री मेरे पास है। मैं देव कुमार पांडेय को जानता तक नहीं। उसने शहर के गुंडों को एकत्रित कर मेरे घर में जबरन प्रवेश किया। बांस व बालू घर में डाल दी। मेरी, पत्‍‌नी व बेटे की हत्या की साजिश रच कर गुंडागर्दी की। विधायक का कॉलर पकड़ा। उन्हें भी मारने का प्रयास किया। मैं भागलपुर कोर्ट में अधिवक्ता भी हूं।