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बैंक के रोकड़पाल ने व्यवसायी को बनाया बंधक, जमाई धौंस

भारतीय स्टेट बैंक की  नवगछिया शाखा में रोकड़पाल के कहने पर शनिवार को एक व्यवसायी को लुटेरा बताकर बंधक बना लिया गया और उस पर धौंस भी जतायी गयी । उक्त व्यापारी को उसके कर्मचारी ने बैंक की इस शाखा में रुपये जमा नहीं हो पाने के कारण बुलाया था | यह जानकारी नवगछिया बाजार स्थित
आदित्य हेंडलूम सेंटर के व्यवसायी कैलाश अग्रवाल ने दी।
उन्होंने बताया कि बैंक के रोकड़पाल ने लुटेरा बताकर गार्ड द्वारा मुझे बंधक बनवाया। उन्होंने कर्मचारी रंजीत कुमार को दो लाख रुपये देकर खाते में जमा करने के लिये भेजा था। कर्मचारी रुपये लेकर मुख्य रोकड़पाल के पास गया। उन्होंने रुपये लेने से इंकार कर दिया। यह जानकारी कर्मचारी द्वारा मोबाइल पर मुझे दी गई। इसके बाद में बैंक में पहुंचकर मुख्य रोकड़पाल से रुपये जमा करने के लिये कहा। जिसपर मुख्य रोकड़ पाल सुभाष चंद्र ठाकुर ने गिन रहे रुपये लेकर बाहर निकल आए और काउंटर पर फैला दिया। वहां खड़े सुरक्षा गार्ड को उन्होंने निर्देश दिया यह रुपये लूटने का प्रयास कर रहा था। इसे पकड़कर अंदर बैठाओ और थाना अध्यक्ष को खबर करो की यह व्यक्ति रुपये लूट रहा था। सुरक्षा गार्ड ने मुझे पकड़ कर अंदर बैठा लिया। कुछ समय  बाद शाखा प्रबन्धक पहुंचे और कहा कि आगे से कोई परेशानी हो तो हमसे मिले। साथ ही उन्होने रुपये जमा कराने का आश्वासन दिया |
वहीं स्टेट बैंक के शाखा प्रबन्धक मनोज कुमार ने इस तरह की घटना पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि एक लाख से ज्यादा की रकम का लेन देन मुख्य रोकड़पाल को ही करना है | इस मामले में कहा कि व्यवसायी व रोकड़पाल के बीच बहस हुई थी। मेरे हस्तझेप के पश्चात व्यवसायी का रुपया जमा हो गया। इस मामले को लेकर कई व्यवसायी आए थे | मामले की जांच होगी | वहीं इस मामले को लेकर पवन कुमार सर्राफ, दया राम चौधरी, बनवारी लाल पंसारी, प्रमोद केडीया सहित नवगछिया के कई प्रमुख व्यवसायियों ने निंदा करते हुए शाखा प्रबन्धक के कार्यों की प्रशंसा की है |