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गैंगरेप मामले की होगी न्यायिक जांच, आयोग गठित

राष्ट्रीय राजधानी में पिछले सप्ताह चलती बस में 23 साल की युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना की न्यायिक जांच होगी। इसके लिए दिल्ली उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति उषा मेहरा की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग का गठन किया गया है। आयोग तीन माह में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा।

केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद इसकी घोषणा करते हुए कहा कि आयोग देखेगा कि यह घटना कहीं पुलिस की लापरवाही के कारण तो नहीं हुई? साथ ही अयोग दिल्ली को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने पर भी परामर्श देगा। चिदम्बरम ने कहा, 'सभी महानगरों तथा देश के अन्य शहरों में भी दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने के लिए गम्भीर प्रयास किए जा रहे हैं। दिल्ली में जो कुछ भी हुआ, वह शर्मनाक है।'
उन्होंने कहा, 'न्यायिक आयोग घटना की जांच करेगा। वह देखेगा कि पुलिस की ओर से किसी तरह की लापरवाही तो नहीं हुई या लापरवाही तथा उपेक्षा के लिए कोई अन्य प्राधिकरण तो जिम्मेदार नहीं है।' चिदम्बरम ने कहा कि आयोग दिल्ली तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति बेहतर बनाने के लिए सुझाव भी देगा।
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदम घटना को लेकर उसकी गम्भीरता को दर्शाते हैं। इन कदमों से दोषी को सजा मिलेगी और यह पता लगाने में भी कामयाबी मिलेगी कि कहां गलती हुई, यदि किसी तरह की लापरवाही हुई तो वह क्या थी? इससे जिम्मेदारी भी तय की जा सकेगी और कानून में संशोधन किए जा सकेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार सुरक्षा उपायों पर महिलाओं से भी परामर्श मांग रही है। लोगों से संयम बरतने की अपील करते हुए चिदम्बरम ने कहा, 'जो कुछ भी हुआ उससे सरकार दुखी है। शहर तथा देश को महिलाओं के लिए अधिक सुरक्षित बनाने के लिए वह सभी प्रयास कर रही है।' एक सवाल के जवाब में चिदम्बरम ने कहा, 'आयोग की रिपोर्ट संसद में पेश की जाएगी।'