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मोबाइल टावर रेडिएशन से घर बैठे छुटकारा

अब आपके कहने पर सरकार आपके घर का इलेक्ट्रोमेग्नेटिक रेडिएशन लेवल चेक करेगी। सरकार ने मोबाइल टावर रेडिएशन के खराब असर से जुड़े डर को हटाने के लिए ये नया तरीका ढूंढ़ा है। मुंबई के बाद टेलीकॉम विभाग इस सुविधा को दिल्ली और दूसरे मैट्रो में भी लॉन्च करने जा रहा है।
अगर आप दिल्ली, मुंबई जैसे मैट्रो शहर में रहते हैं और आपको लगता है कि पड़ोस में लगा मोबाइल टावर आपकी सेहत पर बुरा असर डाल रहा है तो आप इससे छुटकारा पा सकते हैं। मुंबई के बाद अब
सरकार अगले महीने से ये सर्विस दिल्ली में शुरू करने जा रही है। इसके साथ आप अपने आस-पास के किसी भी टावर का रेडिएशन लेवल चेक करा सकेंगे।
अगर ये रेडिएशन लेवल लिमिट से ज्यादा पाया जाता है तो उस टावर से मोबाइल सर्विस देने वाली टेलीकॉम कंपनी को न केवल 5 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा बल्कि टावर को भी बंद करना पड़ सकता है।
अभी तक ये सुविधा सिर्फ मुंबई में शुरू की गई है। जहां 1 दिन में औसत 5 शिकायतें दर्ज हो रही हैं और अब तक करीब 80 टावर पर जुर्माना लग चुका है। जिसमें रिलायंस कम्यूनिकेशन्स, टाटा टेली, भारती एयरटेल, आइडिया जैसी कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों को अपने टावर का रेडिएशन लेवल घटाने के लिए 1 महीने का वक्त दिया गया है। जनवरी से ये सुविधा दिल्ली में भी शुरू की जाएगी और उसके बाद दूसरे मैट्रो शहरों जैसे कोलकाता, चेन्नई में भी इसे लॉन्च किया जाएगा।
टावर का रेडिएशन चेक कराने के लिए आपको टेलीकॉम विभाग की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करनी होगी। इसके लिए आपको 4000 रुपये भी जमा कराने होंगे।
टेलीकॉम विभाग की वेबसाइट www.dot.gov.in पर ईएमएफ रेडिएशन से जुड़े पब्लिक ग्रीवेंस सेक्शन में आप शिकायत फाइल कर सकते हैं। आप अगर मुंबई में रहते हैं तो 9969555000 पर भी कॉल कर सकते हैं। इसके बाद आपको टेलीकॉम विभाग की कंपनी टीसीआईएल (टेलीकम्यूनिकेशन्स कंसलटेंट्स इंडिया लिमिटेड) की तरफ से जवाब आएगा और सरकारी टीम आपके घर रेडिएशन चेक करने आएगी।
अगर टावर की रेडिएशन सेफ लिमिट से ज्यादा पाई जाती है तो मोबाइल टावर कंपनी को एक महीने की मुहल्लत दी जाएगी। इसके बाद भी अगर कंपनी टावर का रेडिएशन लेवल नहीं घटाती है तो उस टावर को बंद कर दिया जाएगा।
मोबाइल टावर से निकल वाली रेडिएशन से कैंसर होने का खतरा है हालांकि इसका कोई ठोस सबूत नहीं है। मगर सरकार ने शुरूआती रिसर्च के मद्देनजर मोबाइल टावर रेडिएशन की लिमिट 10 गुना घटा दी है। हालांकि मोबाइल सर्विस देने वाली कंपनियों का कहना है कि टावर हटाने से मोबाइल के सिग्लन कमजोर होंगे और सर्विस क्वालिटी घटेगी।