बिहार में 62 नये प्रखंडों के गठन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इसको
लेकर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षतावाली मंत्रिमंडलीय
उपसमिति की अब तक आधा दर्जन बार बैठक हो चुकी है. अब प्रस्ताव को अंतिम रूप
देने के लिए जल्द ही एक और बैठक होनेवाली है.
उपसमिति की अनुशंसा पर ग्रामीण विकास विभाग और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग नये प्रखंड व अंचल के लिए प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिमंडल के पास भेजेंगे. सरकार की योजना है कि अगले वर्ष के अंत तक नये प्रखंड के गठन की घोषणा कर दी जाये.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राजधानी में वर्तमान में एक ही प्रखंड है, जिसे विभाजित कर दो प्रखंड बनाने पर मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने अपनी सहमति दे दी है. पटना पूर्वी व पटना पश्चिमी प्रखंड बनेगा. बिहटा और मनेर से काट कर नया प्रखंड नेउरा बनाने का भी प्रस्ताव है, लेकिन इस पर उपसमिति ने अपनी सहमति नहीं दी है. वैशाली जिले में सहदेई बुजुर्ग, महनार व जंदाहा प्रखंडों से कुछ पंचायतों को काट कर नारायणपुर डेढ.पुरा प्रखंड बनाने के प्रस्ताव पर सहमति बन गयी है. इसके अलावा मुजफ्फरपुर में औराई प्रखंड को विभाजित कर नया प्रखंड बनाने की योजना है.
पुराने प्रखंडों का नये सिरे से सीमांकन : मंत्रिमंडलीय उपसमिति के पास पुराने प्रखंडों का नये सिरे से सीमांकन करने का भी प्रस्ताव है. इसमें 100 पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय बदल जायेगा. हालांकि, पूर्व में पीपरासी, भितहां, जलालगढ., चौसा व नीमचक बथानी के भौगोलिक क्षेत्रफल में परिवर्तन के लिए अनुशंसा करने का दायित्व उपसमिति को दिया गया था, बाद में इसमें संशोधन कर और क्षेत्र को भी शामिल कर दिया गया. नये प्रखंड बनाने की मांग विधानमंडल व अन्य स्रोतों से होती रही है. विधानमंडल में भी सरकार ने नये प्रखंड के गठन पर आश्वासन दे चुकी है. सरकार ने कहा है कि उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षतावाली मंत्रिमंडलीय उपसमिति इस पर विचार कर रही है.
कौन-कौन हैं उपसमिति में : मंत्रिमंडलीय उपसमिति में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के अलावा ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रमई राम, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव हैं. मंत्रिमंडलीय उपसमिति के अलावा सचिव स्तर की भी समिति गठित है, जिसमें कैबिनेट के प्रधान सचिव, सामान्य प्रशासन, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव आदि हैं.
डेढ. लाख की आबादी पर प्रखंड : बिहार प्रशासनिक सुधार आयोग ने भी राज्य में 650 प्रखंड रखने की अनुशंसा की है. आयोग ने अपनी अनुशंसा में कहा है कि डेढ. लाख की आबादी या हर 10 पंचायत पर एक प्रखंड होना चाहिए. राज्य में वर्तमान में 534 प्रखंड हैं. 1998 में 16 नये प्रखंड बनाये गये थे, इसके बाद से अब तक नये प्रखंड नहीं बने हैं, जबकि नये प्रखंड बनाने की मांग विधानमंडल व अन्य स्रोतों से होती रही है. विधानमंडल में भी सरकार ने नये प्रखंड के गठन पर आश्वासन दे चुकी है.
उपसमिति की अनुशंसा पर ग्रामीण विकास विभाग और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग नये प्रखंड व अंचल के लिए प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिमंडल के पास भेजेंगे. सरकार की योजना है कि अगले वर्ष के अंत तक नये प्रखंड के गठन की घोषणा कर दी जाये.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राजधानी में वर्तमान में एक ही प्रखंड है, जिसे विभाजित कर दो प्रखंड बनाने पर मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने अपनी सहमति दे दी है. पटना पूर्वी व पटना पश्चिमी प्रखंड बनेगा. बिहटा और मनेर से काट कर नया प्रखंड नेउरा बनाने का भी प्रस्ताव है, लेकिन इस पर उपसमिति ने अपनी सहमति नहीं दी है. वैशाली जिले में सहदेई बुजुर्ग, महनार व जंदाहा प्रखंडों से कुछ पंचायतों को काट कर नारायणपुर डेढ.पुरा प्रखंड बनाने के प्रस्ताव पर सहमति बन गयी है. इसके अलावा मुजफ्फरपुर में औराई प्रखंड को विभाजित कर नया प्रखंड बनाने की योजना है.
पुराने प्रखंडों का नये सिरे से सीमांकन : मंत्रिमंडलीय उपसमिति के पास पुराने प्रखंडों का नये सिरे से सीमांकन करने का भी प्रस्ताव है. इसमें 100 पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय बदल जायेगा. हालांकि, पूर्व में पीपरासी, भितहां, जलालगढ., चौसा व नीमचक बथानी के भौगोलिक क्षेत्रफल में परिवर्तन के लिए अनुशंसा करने का दायित्व उपसमिति को दिया गया था, बाद में इसमें संशोधन कर और क्षेत्र को भी शामिल कर दिया गया. नये प्रखंड बनाने की मांग विधानमंडल व अन्य स्रोतों से होती रही है. विधानमंडल में भी सरकार ने नये प्रखंड के गठन पर आश्वासन दे चुकी है. सरकार ने कहा है कि उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षतावाली मंत्रिमंडलीय उपसमिति इस पर विचार कर रही है.
कौन-कौन हैं उपसमिति में : मंत्रिमंडलीय उपसमिति में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के अलावा ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रमई राम, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव हैं. मंत्रिमंडलीय उपसमिति के अलावा सचिव स्तर की भी समिति गठित है, जिसमें कैबिनेट के प्रधान सचिव, सामान्य प्रशासन, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव आदि हैं.
डेढ. लाख की आबादी पर प्रखंड : बिहार प्रशासनिक सुधार आयोग ने भी राज्य में 650 प्रखंड रखने की अनुशंसा की है. आयोग ने अपनी अनुशंसा में कहा है कि डेढ. लाख की आबादी या हर 10 पंचायत पर एक प्रखंड होना चाहिए. राज्य में वर्तमान में 534 प्रखंड हैं. 1998 में 16 नये प्रखंड बनाये गये थे, इसके बाद से अब तक नये प्रखंड नहीं बने हैं, जबकि नये प्रखंड बनाने की मांग विधानमंडल व अन्य स्रोतों से होती रही है. विधानमंडल में भी सरकार ने नये प्रखंड के गठन पर आश्वासन दे चुकी है.