तेंदुलकर समिति के फार्मूला पर तय की गई गरीबी रेखा के आधार पर उत्तर
प्रदेश और बिहार में सबसे ज्यादा गरीब लोग हैं। योजना आयोग ने राज्य सभा को
बताया कि 2009-10 में उत्तर प्रदेश में गरीबों की संख्या करीब 7.37 करोड़
थी। इसके बाद बिहार का नंबर आता है जहां इनकी संख्या 5.43 करोड़ पाई गई।
2.7 करोड़ गरीब लोगों के साथ महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर है। तेंदुलकर समिति के फार्मूले के मुताबिक गरीबी रेखा निर्धारित करने के पारंपरिक तरीके के साथ स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च को भी इसमें शामिल किया गया है। आकड़ों के मुताबिक 2009-10 के दौरान पूरे देश में करीब 35.46 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे थे। मध्य प्रदेश में 2.61, पश्चिम बंगाल में 2.4, आंध्र प्रदेश में 1.76, राजस्थान में 1.67, ओडि़शा में 1.53, कर्नाटक में 1.42, गुजरात में 1.36 और झारखंड में 1.26 करोड़ गरीब लोग पाए गए।
2.7 करोड़ गरीब लोगों के साथ महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर है। तेंदुलकर समिति के फार्मूले के मुताबिक गरीबी रेखा निर्धारित करने के पारंपरिक तरीके के साथ स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च को भी इसमें शामिल किया गया है। आकड़ों के मुताबिक 2009-10 के दौरान पूरे देश में करीब 35.46 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे थे। मध्य प्रदेश में 2.61, पश्चिम बंगाल में 2.4, आंध्र प्रदेश में 1.76, राजस्थान में 1.67, ओडि़शा में 1.53, कर्नाटक में 1.42, गुजरात में 1.36 और झारखंड में 1.26 करोड़ गरीब लोग पाए गए।