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लालू को 'लालू' के अंदाज में ही नीतीश कुमार ने दिया जवाब

सात ही साल में अकबकी होने लगा उनको। अटर पटर जो मन में हो रहा है बोले जा रहे हैं। अब चले हैं फिर से झूठ की खेती करने। परिवर्तन रैली करने। किस बात का परिवर्तन। फिर से नरसंहार करने के लिए। फिर से अपहरण की कहानी शुरु हो इसके लिए परिवर्तन। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भागलपुर के अधिकार यात्रा  के दौरान 
जब सैंडिस कंपाउंड में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे, तो उनके अंदाज में खास लालू शैली की झलक मिल रही थी। हालांकि उन्होंने इस अंदाज को अपने उपर हावी नहीं होने दिया। भाषण के अंत में कार्यकर्ताओं में जोश भरने के ख्याल से उन्होंने ऐसा किया।

दरअसल पिछले चार अक्टूबर को भागलपुर में लालू के परिवर्तन रैली में दिए गए भाषण का एक-एक फीडबैक था उनके पास। इस बात की पुष्टि तब हुई जब नीतीश ने भाषण के दौरान सिपाही वाला प्रसंग छेड़ा। बोले लालू जी फिर से सिपाहियों को हैट-फैट करने लगे हैं। सिपाही से सभा में पूछने लगते हैं कब के बहाली हो। मजा मार रहे हैं लोगों का। मजाक से शासन नहीं चलता। शासन चलाना काफी गंभीर विषय है, यह अब मुझे पता चल रहा है। बिहार का ताज कांटों का ताज है, फूलों की सेज नहीं। खगड़िया में हमारे रैली में जो घटना हुई। उसकी जांच की जा रही है। छतों पर से पत्थरों की बरसात की गई। रिपोर्ट आने की देरी है, सभी के चेहरे से नकाब उठ जाएगा।


लालू के पंद्रह सालों के शासन पर टिप्पणी करते उन्होंने कहा कि बिहार में जो चकाचक सड़क बनी है, तभी तो लालू जी सड़क मार्ग से परिवर्तन यात्रा करने निकले हैं। नहीं तो फिर आते आपके पास उड़नखटोले से। बोले हम सात सालों से लोगों को जोड़ने का काम कर रहे हैं और वो फिर निकले हैं लोगों को तोड़ने। लालू जी से सावधान रहने की जरूरत है।