सत्य प्रकाश भागलपुर।
चुप रहिए चौबे जी, मैं कह रहा हूं ना, चुप रहिए। जनता मुझसे मिलने आयी है।
उनका पूरा अधिकार है, हमतक अपनी बात रखने का। यह गुस्सा किसी और का नहीं बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का था जो स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे को डांटते हुए कही। सीएम का यह गुस्सा देखकर पूरा का पूरा माहौल खामोशी में तब्दील हो गया।
मंत्री को क्यों लगी डांट
दरअसल शहर के सैंडिस कम्पाउंड में शुक्रवार को सीएम का जनता दरबार लगा हुआ था। भीड़ से एक फरियादी ने स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे को बर्खास्त करने की मांग कर डाली। फरियादी ने सीएम से कहा कि स्वास्थ्य मंत्री डीएम के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करते रहते हैं। पूर्व में भी एक डीएम के खिलाफ अभद्र टिपणी की थी। इतना सुनते ही मौजूद स्वास्थ्य मंत्री ने फरियादी का नाम और पता पूछने लगे। यह सुनते ही सीएम ने चौबे को कड़ी फटकार लगाते हुए चुप रहने की नशीहत दे डाली।
विश्राम स्थल गये सीएम
गुस्से से तमतमाये नीतीश कुमार जनता दरवार को बीच में ही छोड़ कर अस्थायी रुप से बने विश्रामालय चले गये। हालांकि कुछ देर बाद पुन: जनता दरबार जाने के लिए सीएम तैयार हुए तब उनके साथ स्वास्थ्य मंत्री हंसते हुए बाहर निकले ताकि लोगों के बीच किसी प्रकार का गलत मैसेज न जाये।
चुप रहिए चौबे जी, मैं कह रहा हूं ना, चुप रहिए। जनता मुझसे मिलने आयी है।

मंत्री को क्यों लगी डांट
दरअसल शहर के सैंडिस कम्पाउंड में शुक्रवार को सीएम का जनता दरबार लगा हुआ था। भीड़ से एक फरियादी ने स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे को बर्खास्त करने की मांग कर डाली। फरियादी ने सीएम से कहा कि स्वास्थ्य मंत्री डीएम के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करते रहते हैं। पूर्व में भी एक डीएम के खिलाफ अभद्र टिपणी की थी। इतना सुनते ही मौजूद स्वास्थ्य मंत्री ने फरियादी का नाम और पता पूछने लगे। यह सुनते ही सीएम ने चौबे को कड़ी फटकार लगाते हुए चुप रहने की नशीहत दे डाली।
विश्राम स्थल गये सीएम
गुस्से से तमतमाये नीतीश कुमार जनता दरवार को बीच में ही छोड़ कर अस्थायी रुप से बने विश्रामालय चले गये। हालांकि कुछ देर बाद पुन: जनता दरबार जाने के लिए सीएम तैयार हुए तब उनके साथ स्वास्थ्य मंत्री हंसते हुए बाहर निकले ताकि लोगों के बीच किसी प्रकार का गलत मैसेज न जाये।