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यहाँ दुकानों में जलती है घरेलू गैस

रसोई गैस को लेकर नवगछिया अनुमंडल वासियों की मुश्किलें दिनों दिन बढ़ती जा रही है। लेकिन ब्लैक में यह गैस बड़ी आसानी से मिल जाती है। आज नवगछिया के लगभग हर होटल या आभूषण की दुकानों पर घरेलू गैस के उपयोग देखे जा सकते है। सबसे बड़ी बात है कि आज शहर के हर ठेला पर जहां खाने पीने की व्यवस्था है, वहां घरेलू गैस का ही उपयोग होता है। जो इन्हें आसानी से उपलब्ध हो जाती है। जबकि इसके विपरीत आज घरों में खाना बनाने के लिए लोगों को गैस समय से नहीं मिलता। गैस एजेंसी से रसोई गैस पचास दिनों से लेकर साठ दिनों के बाद गैस उपभोक्ताओं को दिये जा रहे है। जबकि एक रसोई गैस सामान्य रूप से बीस दिनों तक चलती है। लेकिन यहां गैस एजेंसी के मनमानी के कारण रसोई गैस उपभोक्ता परेशान है।
अगर गैस मिल गई है तो अगला गैस लेने के लिए गैस का नंबर गैस मिलने के तीस दिनों के बाद एजेंसी के द्वारा लगाई जा रही है। तब उसके पचास दिनों के बाद गैस घर पहुंचती हैं। जिससे काला बाजारियों का धंधा काफी फल फूल रहा है। वे एक गैस पर करीब चार सौ से पांच सौ रुपये का लाभ उठा रहे है। गैस रिफिलिंग का कारोबार करने वाले ने बताया है कि गैस एजेसी से करीब छह सौ रुपये में उन्हें गैस सिलेंडर मिल जाता है। ऐसे में रसोई गैस की किल्लत से जहा ब्लैक में बेचने वाले खुश है, वहीं लोगों की परेशानी बढ़ गयी है।