राजेश कानोडिया , नवगछिया (भागलपुर )
इसे जानबूझ कर कहें या भूलवश, हरिश्चन्द्र ने अपना फर्ज ऐसा निभाया कि एक ही व्यक्ति को दोबार मार डाला। यानि यूं कहें कि उन्होंने उस व्यक्ति का दोबार मृत्यु प्रमाण-पत्र बना डाला। वह भी अलग-अलग तारीखों में मृत्यु दर्शा कर। जबकि दूसरा प्रमाण-पत्र ठीक तीन साल बाद जारी किया गया है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है। हरिश्चन्द्र मंडल नाम है एक पंचायत सचिव का। जो खरीक प्रखंड अर्न्तगत गोट खरीक पंचायत के पंचायत सचिव है। उन्होंने पंचायत के ग्राम पूर्वी धरारी के मो। तोहीद पिता स्व. रसूल की मृत्यु 19 अप्रैल 2007 में मृत्यु प्रमाण-पत्र संख्या 069274 तथा 05 मई 2010 को मृत्यु प्रमाण-पत्र संख्या 503795 जारी किया है। जिसमें नाम मो. तोहीद की जगह शंख तोहीद, पिता स्व. रसूल की जगह स्व. मरहूम शेख रसूल लिखा गया है। जबकि पहले जारी मृत्यु प्रमाण-पत्र की रजिस्ट्रीकरण की तारीख 23-04-2007 है जिसका प्रमाण-पत्र 05-05-2007 को जारी किया गया था। लेकिन बाद वाले मृत्यु प्रमाण-पत्र में रजिष्ट्रीकरण की तारीख 05-05-2010 को ही प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। मामला तब उजागर हुआ जब नवगछिया स्थित सब जज टू की अदालत में चल रहे एक जमीन संबंधी विवाद के मामले में विपक्षी पार्टी द्वारा काल बाधित के उद्देश्य से आवेदन लगाया था। इस मामले को लेकर नवगछिया अदालत ने खरीक थाना अध्यक्ष को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।