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इस साल भी देश का पहला तिरंगा यहां फहराया गया

पूर्णिया। अब इंतजार की घड़िया खत्म और रात 12:01 होते ही जैसे ही तारीख 15 अगस्त हुई, पूर्णिया में झंडा चौक पर लोगों ने तिरंगा लहराया। यहां लोगों का दावा है कि देश में संभवतया सबसे पहला तिरंगा हर साल यहीं लहराया जाता है। पिछले 71 सालों से यह परंपरा चली आ रही है।

पूर्णिया के झंडा चौक पर 'आजादी' का पहला झंडा फहराते लोग।

जी हां! आजादी के दिवानों ने 14 अगस्त 1947 की आधी रात को ही यहां फहराया था तिरंगा झंडा। इसके बाद तो यह परंपरा ही बन गई और इसके बाद हर साल यहां इसी तरह शान से फहराया जाता है 'आजादी' का पहला झंडा। आइए एक बार फिर रूबरू होते हैं उस ऐतिहासिक घटना से।

दिन था 14 अगस्त 1947 का। सुबह से ही पूर्णिया के लोग आजादी की खबर सुनने के लिए बेचैन थे। दिनभर झंडा चौक पर लोगों की भीड़ मिश्रा रेडियो की दुकान पर लगी रही। मगर जब आजादी की खबर रेडियो पर नहीं आयी। तो लोग घर लौट आए। मगर मिश्रा रेडियो की दुकान खुली रही। रात के 11:00 बजे थे कि झंडा चौक स्थित मिश्रा रेडियो की दुकान पर रामेश्वर प्रसाद सिंह, रामजतन साह, कमल देव नारायण सिन्हा, गणेश चंद्र दास सहित उनके सहयोगी दुकान पर पहुंचे। फिर आजादी की बात शुरू हो गयी।

इस बीच मिश्रा रेडियो की दुकान पर सभी के आग्रह पर रेडियो खोला गया। रेडियो खुलते ही माउंटबेटन की आवाज सुनाई दी। आवाज सुनते ही लोग खुशी से उछल पड़े। साथ ही निर्णय लिया कि इसी जगह आजादी का झंडा फहराया जाएगा। आनन-फानन में बांस, रस्सी और तिरंगा झंडा मंगवाया गया। 14 अगस्त, 1947 की रात 12 बजे रामेश्वर प्रसाद सिंह ने तिरंगा फहराया। उसी रात चौराहे का नाम झंडा चौक रखा गया। झंडोत्तोलन के दौरान मौजूद लोगों ने शपथ लिया कि इस चौराहे पर हर साल 14 अगस्त की रात सबसे पहला झंडा फहराया जाएगा। और ऐसा हुआ भी। 

14 अगस्त की रात झंडोत्तोलन के लिए लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गयी। सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होने लगा। धीरे-धीरे यह परंपरा बनती चली गयी। झंडोत्तोलन की कमान लोगों ने रामेश्वर प्रसाद सिंह के परिवार के कंधे पर दे दी। साथ ही अन्य लोगों का परिवार परंपरा के मुताबिक आज भी झंडोत्तोलन में सहयोग करने लगे हैं। झंडोत्तोलन की परंपरा के मुताबिक रामेश्वर प्रसाद सिंह के निधन के बाद उनके पुत्र सुरेश कुमार सिंह ने झंडात्तोलन की कमान संभाली और उनके साथ रामजतन साह, कमल देव नारायण सिन्हा, गणेश चंद्र दास, स्नेही परिवार, शमशुल हक के परिवार के सदस्यों ने मदद करनी शुरू की। 

रामेश्वर प्रसाद सिंह के पोते करेंगे झंडोत्तोलन 
इस बार रामेश्वर प्रसाद सिंह के पोते विपुल कुमार सिंह झंडा चौक पर 14 अगस्त की रात 12:00 बजे झंडोत्तोलन करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से तो मदद नहीं मिलती मगर स्थानीय लोगों द्वारा झंडोत्तोलन की पूरी तैयारी की जाती है। 

बदला गया लोहे का फ्लैग पोस्ट 
पिछले सत्तर सालों से लोहे के फ्लैग पोस्ट पर ही तिरंगा झंडा फहराया जाता था। मगर लोहे का पोस्ट खराब हो चुका था। तीन दिन पहले ही इसे बदला गया है। राजीव मराठा ने बताया कि इस बार झंडोत्तोलन के लिए नया फ्लैग पोस्ट लगवाया गया है।
  

शहर के बुद्धिजीवी का होता है जमावड़ा
जानकारी हो कि पूर्णिया शहर के कई गणमान्य लोग 14 अगस्त रात 12:00 बजे झंडा चौक पर झंडोत्तोलन के वक्त मौजूद रहते हैं। अधिवक्ता दिलीप कुमार दीपक ने बताया कि यह परंपरा 71 सालों से चल रही है। इस बार भी धूमधाम से स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि देश का पहला झंडा पूर्णिया में फहराया जाता है। इसके बाद 15 अगस्त की सुबह दिल्ली सहित पूरे भारत में झंडा फहराया जाता है।