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राष्ट्रपति ने बजाया घंटा, देश भर में लागू हो गया GST

नव-बिहार न्यूज नेटवर्क, नईदिल्ली (NNN) : आज आधी रात से देश भर में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानि GST लागू हो गया है. इसके साथ ही देश में तमाम उत्पादों की कीमतों में बदलाव भी आ गया है. केंद्र सरकार इसे आजादी के बाद से सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म बता रही है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने
अपने छोटे से संबोधन के बाद घंटा बजाकर देश में GST को लांच किया.
इस मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि जीएसटी मेरे लिए भी ऐतिहासिक अवसर है. क्योंकि वित्त मंत्री रहते हुए मैंने इसके लिए काफी पहल की थी. अब से कुछ देर में जीएसटी लॉन्चिंग के हम गवाह बनेंगे. यह एतिहासिक अवसर 14 साल पुरानी यात्रा का गवाह होगा.
इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज देश आगे का रास्ता तय करने जा रहा है. जीएसटी हमारी सांझी विरासत है. ये किसी दल की सिद्धी नहीं है. संविधान सभा की तरह जीएसटी भी ऐतिहासिक है. गीता के भी 18 अध्याय हैं और जीएसटी काउंसिल की भी 18 बैठक हुई है.
इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी कोशिश है कि टैक्स से किसी पर भार न पड़े. सांसदों और राज्यों के अहम सहयोग से जीएसटी लागू करने में सफलता मिली है. अरुण जेटली ने बताया कि जीएसटी से 17 टैक्स समेत 23 सेस खत्म होंगे.
संसद भवन के सेंट्रल हॉल में जीएसटी लॉन्चिंग कार्यक्रम के आयोजन में एनडीए के घटक दल समेत कई अन्य पार्टियां भी शामिल हुईं हैं. हालांकि कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर रही है. बता दें कि इस समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जे एस खेहर, वित्त मंत्री अरुण जेटली के अलावा तमाम केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे.
17 साल के लंबे सफर के बाद देश का यह अब तक का सबसे बड़ा कर सुधार लागू होने जा रहा है. जीएसटी लागू होने के बाद करीब 1.3 अरब की आबादी वाला देश एक बाजार में तब्दील हो जाएगा. भले ही नरेंद्र मोदी सरकार में यह लागू हो रहा है, लेकिन इसकी यात्रा 17 साल लंबी है.
साल 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जीएसटी मॉडल का डिजाइन तय करने के लिए पश्चिम बंगाल के तत्कालीन वित्त मंत्री असीम दासगुप्ता की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी. साल 2009 में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने दासगुप्ता समिति द्वारा डिजाइन किए गए जीएसटी के मूल ढांचे की घोषणा की तथा 2010 की समय सीमा बनाए रखी. तब बीजेपी ने जीएसटी के मूल ढांचे का विरोध किया था. आखिरकार 21 जून 2017 तक जम्मू कश्मीर को छोड़कर सभी राज्यों ने जीएसटी विधेयक को पारित कर दिया.