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खुशखबरी: आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में होगी लेक्चरर व प्राध्यापक की बहाली

नव-बिहार न्यूज नेटवर्क, गया : मगध प्रमंडल आयुक्त लियान कुंगा के कार्यालय कक्ष में आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, गया के शासी परिषद की बैठक हुई. उनकी ही अध्यक्षता में हुई बैठक में आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज को पुनर्जीवित करने के संदर्भ में चर्चा की गई. उक्त मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने आयुक्त को जानकारी देते हुए कहा कि विगत 2008-09 से आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में नामांकन एवं पठन पाठन बंद है. 125 बेड की क्षमता वाला पूर्व में काफी ख्यात आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज का दर्जा इसे प्राप्त था. यहां एक्सरे, पैथोलॉजी, ईसीजी आदि की सुविधा उपलब्ध है. मेडिकल कॉलेज के अनुरूप सभी सुविधाएं एवं अधिसंरचना यहां उपलब्ध हैं. धीरे धीरे प्राध्यापक कॉलेज छोडते गये. वर्तमान में कुल 24 कर्मचारी बच गये हैं.

पटना आर्युवेदिक मेडिकल कॉलेज के बाद गया आर्युवेदिक मेडिकल कॉलेज मे ही इतने बेड हैं. कॉलेज के मद में एक करोड़ की राशि है और कर्मचारियों के वेतन एवं सेवानिवृत्त कर्मियों को बकाया भविष्य निधि की राशि का भुगतान लंबित है. यह मेडिकल कॉलेज निजी होते हुए भी सरकार के अधीन है, जिसके शासी परिषद् के अध्यक्ष आयुक्त एवं सचिव उप विकास आयुक्त होते हैं. आयुक्त ने प्राचार्य एवं सदस्यों से आर्युवेदिक मेडिकल कॉलेज की समस्याओं को सुना और पुनर्जीवित करने के संदर्भ में क्या कार्य योजना है, पूछा. प्राचार्य ने कहा कि तत्काल आर्युवेदिक मेडिकल कॉलेज के सभी विभागों में रिक्त 25 लेक्चरर एवं विभागाध्यक्ष की आवश्यकता है. पूर्व में 25000 रूपये के मानदेय पर नियुक्ति हेतु विज्ञापन निकाला गया था, लेकिन किसी के द्वारा इस राशि पर आवेदन नहीं दिया गया है.

लेक्चरर के लिए कम से कम 40000 एवं विभागाध्यक्ष हेतु 50000 से 60000 प्रतिमाह मानदेय होना चाहिए. तत्पश्चात सीसीआई से मान्यता प्राप्त की जायेगी. मान्यता मिलने के बाद छात्रों का नामांकन आरंभ किया जायेगा. जब आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज कार्य करने लगेगा तो निधि की समस्या भी दूर होगी. उन्होंने प्राचार्य को लेक्चचर के लिए 400000 एवं प्राध्यापक के लिए 50000-60000 प्रतिमाह मानदेय भुगतान के आधार पर नियुक्ति हेतु विज्ञापन प्रकाशित कराने का निर्देश दिया. सेवानिवृत्त कर्मचारियों को कॉलेज मद में उपलब्ध राशि से उनके भविष्य निधि के बकाया राशि के भुगतान करने का निर्णय लिया गया.