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भागलपुर से ही अपने कैरियर की शुरुआत की थी विजय चंद्र शर्मा ने

इसी जिले से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले विजय चंद्र शर्मा 2009 बैच के दारोगा थे। इनकी पहली पोस्टिंग मोजाहिदपुर में जेएसआई के रूप में तथा थानेदार के रूप में उनकी पहली पोस्टिंग अमडंडा में हुई थी। वे दो साल तक यहां रहे। फिर उन्हें बरारी थाने की कमान मिली। बरारी में रहते उन्होंने चंदन चौधरी को जिंदा जलाने मामले में 24 घंटों के अंदर आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। उन्होंने बरारी में कुख्यात अभय यादव गिरोह के कई गुर्गो को जेल भेजा था। सबौर में रहते उनकी हाथापाई कुख्यात क्रांति यादव से हुई थी।

पकड़ी थी शराब की कई बड़ी खेप

अवैध शराब का कारोबार करने वाले लोगों पर विजय लगातार शिकंजा कस रहे थे। उन्होंने तिलकामांझी थाना क्षेत्र में शराब की कई बड़ी खेपें पकड़ी थी। तिलकामांझी में रहते बेहतर कार्य करने के लिए रविवार को एसएसपी मनोज कुमार ने विजय चंद्र शर्मा को पुरस्कृत भी किया था।

कई हिस्ट्रीशीटर को पहुंचाया था सलाखों के अंदर

हाल ही में उन्होंने नाटकीय ढंग से बेनी यादव को कैंप जेल के नजदीक से गिरफ्तार किया था। मुंदीचक के कुख्यात पलटू साह को उन्होंने कुछ दिन पहले गिरफ्तार कर जेल भेजा था। सैंडिस कंपाउंड से मीट व्यवसायी के अपहरण मामले में भी उन्होंने अपह्रत व्यवसायी को नवगछिया इलाके से बरामद किया था। इनकी गिनती जोन के सबसे तेज तर्रार और साहसी पुलिस ऑफिसर में होती थी। अपराधियों के प्रति उनकी चेहरे पर हमेशा गुस्सा रहता था। उन्हें गोराडीह से तिलकामांझी थाने विशेष रूप से क्राइम कंट्रोल के लिए लाया गया था।

गोराडीह में रहते कुख्यातों के लिए काल बने रहे विजय
गोराडीह में रहते उन्होंने कई अपराधियों को जेल भेजा। उसने पप्पु सिंह को खदेड़कर पकड़ा था। बालू माफियाओं के खिलाफ वे लगातार अभियान चलाते रहे थे। अवैध बालू के खिलाफ उनका दहशत साफ इलाके में दिखता था। उनके रहते इलाके में लोगों के बीच पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा था। किंतु उनके जाने के बाद बेनी गिरोह ने इलाके में आतंक मचाना शुरू कर दिया था।