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बिहार का पहला स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड मिला मुंगेर के चंदन को

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत कार्ड छात्रों को ​मिलना शुरू हो गया. मुख्यमंत्री के सात निश्चयों में शामिल यह महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत मुंगेर से हुई है. इस मामले में मुंगेर का छात्र चंदन कुमार लकी रहा. उसे बिहार का पहला स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड मिला. वह कार्ड पाकर काफी खुश है.

छात्र संग्रामपुर का है रहनेवाला

जानकारी के अनुसार पूरे बिहार में 35 लाख छात्रों को कार्ड मिलना है. इसके लिए सरकार ने पिछले साल  घोषणा की थी. मंगलवार को बिहार में सबसे पहला स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड पाकर चंदन गदगद है. चंदन की मानें तो यह उनकी मेहनत का परिणाम है. इससे मुंगेर भी गौरवान्वित हुआ है. वहीं मुंगेर के डीएम उदय कुमार ने खुशी जतायी. उन्होंने कहा कि बिहार का पहला स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड मुंगेर के छात्र को मिलना जिले भर के लिए गौरवपूर्ण है. चंदन मुंगेर के संग्रामपुर का रहनेवाला है. वह कहुआ गांव निवासी शंकर प्रसाद व रुक्मिणी देवी का पुत्र है. मालूम हो कि जानकारी के अुनसार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए मुंगेर के साथ बेतिया का एक नंबर में था. इसमें मुंगेर के छात्र का चयन अंतिम रूप से हो गया और उसे कार्ड भी निर्गत कर दिया गया.

31 अगस्त को इस पर लगी थी मुहर

गौरतलब है कि पिछले साल 31 अगस्त को हुई बैठक मे इस योजना पर फाइनल मुहर लगी थी. उस समय इसे राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) ने मंजूरी दी थी. एसएलबीसी की 57वीं बैठक में यह योजना सर्वसम्मति से पारित की गयी थी. यह योजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चयों में एक आर्थिक हल युवाओं का बल के तहत बनी है. योजना में हायर एजुकेशन करने के लिए 12वीं पास स्टूडेंट्स को चार लाख तक लोन मिलेगा. लोन के दायरे में संस्थानों की फीस, रहने-खाने और पाठ्य सामग्री के खर्च शामिल होंगे.

पहला साल पांच लाख का लक्ष्य

बताया जाता है कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड में बैंकों को लोन और ब्याज दोनों राशि की गारंटी राज्य सरकार देगी. लोन पर करीब 10 फीसदी इंटरेस्ट लगेगा. राज्य कैबिनेट की स्वीकृति के बाद इसे पिछले साल 02 अक्टूबर से ही इसे लागू कर दिया गया. लेकिन तमाम प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद पहला कार्ड जनवरी में जाकर निर्गत हुआ. इसमें कुल 35 लाख छात्रों को लोन देने की योजना है और पहला साल पांच लाख विद्यार्थियों को लोन देने का लक्ष्य रखा गया है. उसके बाद हर साल एक लाख का लक्ष्य रखा गया है. इसमें विद्यार्थियों से ऑनलाइन आवेदन लिये जाने का प्रावधान है. आवेदन की जांच और सत्यापन के बाद लोन स्वीकृत किये जाते हैं.