पटनाः पटना उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार का यह आदेश खारिज कर दिया जिसमें होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक दवा बनाने में अल्कोहल के इस्तेमाल पर
प्रतिबंध लगाया गया था। मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी की पीठ ने कहा कि दवाएं बनाने में अल्कोहल का इस्तेमाल वैध है और इसे रोका नहीं जा सकता।
राज्य सरकार द्वारा अल्कोहल वाले दवाओं के लाईसेंस देने पर रोक लगाने वाले फैसले को पटना हाईकोर्ट ने अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है. सम्राट केमिकल इंड्रस्टीज और अन्य की तरफ से दायर याचिकाओं पर पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी की खंडपीठ ने लंबी सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा था.
गुरूवार को पटना उच्च न्यायालय ने इस फैसले को सुनाया. याचिकाकर्ता के वकील सत्यवीर भारती ने बताया कि बिहार सरकार ने राज्य में शराब बंदी के दौरान इन दवाओं के उत्पादन के लिए लाईसेंस देने पर भी रोक लगा दिया था. राज्य सरकार ने यह आदेश अप्रैल 2016 में लागू किया था.
गुरूवार को पटना उच्च न्यायालय ने इस फैसले को सुनाया. याचिकाकर्ता के वकील सत्यवीर भारती ने बताया कि बिहार सरकार ने राज्य में शराब बंदी के दौरान इन दवाओं के उत्पादन के लिए लाईसेंस देने पर भी रोक लगा दिया था. राज्य सरकार ने यह आदेश अप्रैल 2016 में लागू किया था.
इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई जिस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को यह राहत दी. कोर्ट के इस फैसले के बाद ऐसा माना जा रहा है कि अब होमियोपैथिक और आयुर्वेदिक दवाओं को लाइसेंस मिल सकेगा.