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बिहार सरकार के दामाद बने हैं कुछ कर्मचारी

बिहार सरकार के दामाद बने हैं कुछ कर्मचारी
भागलपुर, नवबिहार न्यूज नेटवर्क। बिहार सरकार भले ही कितनी दुरुस्त क्यों न हो, लेकिन हर क्षेत्र में पदस्थापित इसके कुछ कर्मचारी बिलकुल दामाद की तरह
शान से आनाजाना करते हैं। वह भी पदस्थापन जगह से काफी दूर अपने आवास से आनाजाना करते हैं। जबकि सरकार के नियमानुसार अपने मुख्यालय से मात्र आठ किलोमीटर के दायरे में आवास रखना है, लेकिन ये सरकारी दामाद बाबू पच्चीस से साठ किलोमीटर की रोजाना यात्रा करके अपनी ड्यूटी बजाने की औपचारिकता पूरी करते हैं।
इसका आसान उदाहरण नवगछिया स्टेशन और कचहरी परिसर एवं अनुमंडलीय अस्पताल में रोजाना देखा जा सकता है। जहां कचहरी परिसर में कार्यरत कई कर्मी और अधिकारी रोजाना नवगछिया से तीस किलोमीटर दूर भागलपुर से आते और जाते हैं। यही हाल अनुमंडलीय अस्पताल में पदस्थापित पदाधिकारियों का भी नजर आता है। जो अपने वाहन से अक्सर अपने निर्धारित समय से विलम्ब से पहुँच पाते हैं।
इन सबसे अलग सर्व विदित कहानी है नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी की। जो रोजाना साठ किलोमीटर दूर कटिहार से आते और जाते हैं, वह भी ट्रेन से। साथ ही  मजे की बात तो यह भी है कि नगर पंचायत कार्यालय से स्टेशन तक रोजाना आने और जाने के लिये विभागीय वाहन का ही इस्तेमाल किया जाता है। जबकि इनके लिये अनुमंडल मुख्यालय में भी एक आवास आबंटित है। जहां कभी ट्रेन छूट गयी या किसी आवश्यक कार्य से रुकना हो तभी व्यवहार किया जाता है। स्पष्ट है कि जहां बिहार सरकार के मुखिया दिन रात जनता की सेवा में लगे रहते हैं। वहीँ ये कुछेक पदाधिकारी अपनी ऐशो आराम की जिंदगी से महज ड्यूटी भर निभा देते हैं।