शिक्षक दिवस को गुरू उत्सव के तौर पर मनाने और उस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्कूली बच्चों से संवाद करने की केंद्र सरकार की योजना विवादों में घिर गई है और विपक्षी कांग्रेस के अलावा भाजपा के सहयोगी एमडीएमके तथा पीएमके जैसे दलों ने भी सरकार की निंदा की है। हालांकि मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने विपक्ष के कदम को अफसोसजनक बताया और साफ किया कि संवाद में विद्यार्थियों की सहभागिता स्वेच्छा से होगी।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने शिक्षक दिवस का नाम बदलने को पैकेजिंग कवायद करार दिया और कहा कि सरकार पैकेज और लेबल बदलने का प्रयास कर रही है। तमिलनाडु में भाजपा के दो सहयोगी दलों ने शिक्षक दिवस का नाम बदलकर गुरु उत्सव किए जाने पर द्रमुक के साथ विरोध जताया। पीएमके ने इसे संस्कृत थोपने की कोशिश करार दिया।
पीएमके नेता एस रामदॉस और एमडीएमके नेता वाइको ने मांग उठाई कि केंद्र सरकार शिक्षक दिवस का नाम बदलकर गुरु उत्सव करने के आदेश को तत्काल वापस ले। द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि ने इस कदम का विरोध करते हुए आरोप लगाया है कि यह तमिल भाषा और समाज को नीचा दिखाने की साजिश है।
सरकार का फैसला विवादों में घिरने के बाद स्मति ने दिन में दो बार मीडिया से बातचीत कर स्थिति को संभालने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने शिक्षक दिवस का नाम नहीं बदला है। गुरु उत्सव नाम से एक निबंध प्रतियोगिता आयोजित की जानी है। अगर किसी को शिक्षकों को सम्मानित किए जाने की बात से आपत्ति है तो मुझे अफसोस है।
सरकार का फैसला विवादों में घिरने के बाद स्मति ने दिन में दो बार मीडिया से बातचीत कर स्थिति को संभालने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने शिक्षक दिवस का नाम नहीं बदला है। गुरु उत्सव नाम से एक निबंध प्रतियोगिता आयोजित की जानी है। अगर किसी को शिक्षकों को सम्मानित किए जाने की बात से आपत्ति है तो मुझे अफसोस है।