ताजा समाचार :

6/Posts/ticker posts

भागलपुर का गौरव है नवगछिया में राजधानी का ठहराव


राजेश कानोडिया, नवगछिया। 
रफ्तार की रानी राजधानी एक्सप्रेस का नवगछिया स्टेशन पर मिला ठहराव सिर्फ नवगछिया ही नहीं बल्कि सिल्क नगरी भागलपुर का भी गौरव है। जिसे भाजपा के पूर्व सांसद सैयद शाहनवाज़ हुसैन ने 10 अप्रैल 2012 को दिलाया था। उस दिन नवगछिया में राजधानी की पहली सीटी बजने की खुशी में भारी जश्न भी मनाया गया था। जिसमें मुंबई के कई नाम चीन हस्तियों ने नवगछिया की धरती को जश्न से नहलाया था। इससे ज्यादा खुशी सिल्क नगरी भागलपुर के लोगों में छायी थी। जिन्होने दिल से कहा था कि चलो हवाई जहाज नहीं उड़ा तो क्या हुआ राजधानी का सफर उससे कम नहीं है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज़ हुसैन अब भी कहते हैं कि नवगछिया और भागलपुर गंगा नदी के दोनों किनारे बसे दो शहर हैं। जिसका मेरे दिल से गहरा रिस्ता रहा है और रहेगा। नवगछिया में राजधानी का ठहराव को कायम रखना नवगछिया और भागलपुर में मेरे वजूद को कायम रखने के बराबर है। नवगछिया में राजधानी का ठहराव होने से नवगछिया सहित भागलपुर, खगड़िया,मानसी, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया और कटिहार जिला के सीमावर्ती इलाकों के अलावा बांका, गोड्डा और झारखंड के देवघर तक के लोगों को सीधा फायदा हो रहा है। इन सभी क्षेत्रों के जरूरतमन्द लोग राजधानी से यात्रा कर समय पर नई दिल्ली पहुँच कर अपना इलाज करा पाते हैं, इंटरव्यू देकर नौकरी पाते हैं।
सोमवार को इस ट्रेन से दिल्ली जा रहे भागलपुर तिलकामांझी निवासी संजय सिन्हा कहते हैं कि यही एक मात्र है जो रेलवे के नियम और समय से चलती है। जिसका हर हाल में नवगछिया में ठहराव जारी रहना चाहिये। यह ट्रेन रोगियों के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त इसलिए है कि दूसरी ट्रेनों की गंदगी से रोगी की बीमारी और भी ज्यादा बढ़ जाती है। युवकों के इंटरव्यू समय पर हो जाते हैं। दूसरी ट्रेनों का कोई भरोसा ही नहीं है। जिससे मिलने वाली दुर्लभ नौकरी भी हाथ से जाती रहती है।
दूसरे यात्री पूर्णियाँ जिला के टिकापट्टी गाँव निवासी शंभू कुमार कहते हैं कि इस ट्रेन से दिल्ली जाने में समय की काफी बचत होती है। जिससे व्यवसाय में काफी आसानी होती है। दूसरी ट्रेनों के समय का तो कोई हिसाब किताब ही नहीं है। तीसरे यात्री खगड़िया से आये प्रमोद कुमार और आशीष शर्मा कहते हैं कि नवगछिया में ठहराव रहना काफी जरूरी है। नहीं तो कटिहार या बरौनी जाना काफी कष्टकर है।
पांचवे यात्री बिहपुर जयरामपुर निवासी सूबेदार मेजर आरके चौधरी कहते हैं कि मुझे तो पहाड़ो पर रहकर सीमापर से देश की रक्षा करनी होती है। लेकिन छोटी छुट्टी में भी इसी राजधानी ट्रेन की बदौलत मुझे अपने परिवार से मिलने का मौका मिल पाता है। दूसरी किसी भी ट्रेन के भरोसे यह संभव है ही नहीं कि कम समय की छुट्टी में मैं घर आ सकूँ। कारण कि दूसरी ट्रेनों में तो छुट्टी का सारा समय रास्ते में ही बीत जाएगा।
छठे यात्री मनोज शर्मा और मुन्नी देवी कहती हैं कि यह ट्रेन सभी ट्रेनों से ज्यादा सुरक्षित है। दूसरी ट्रेनों में सफर करने से तो बहुत डर लगता है। पता नहीं कब किस ट्रेन में कहाँ डाका पड़ जाये या फिर सारा सामान ही लूटा चला जाये। राजधानी जैसी सुरक्षा किसी भी ट्रेन की नहीं है। जिसका ठहराव नवगछिया में कायम रहना बेहद जरूरी है।