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अखबारी लाल का चश्मा अपराध के नये इतिहास पर


जय हो अखबारी लाल के मोटे चश्मे की। जिसने पढ़ा दिया अपराध का नया इतिहास। जिसमें एक कम्पनी द्वारा किसानों के लिये कैबरे डांस करा दिया। यह प्रदर्शन बिहार कृषि विश्व विद्यालय द्वारा आयोजित खास कार्यक्रम के दौरान एक नामी कंपनी ने किसानों को लुभाने के लिये कराया था। इस तरह का प्रदर्शन पहले तो बड़े शहरों में युवाओं को लुभाने के लिए किया जाता था। लेकिन अब कृषि प्रधान देश की सबसे मजबूत रीढ़ कहे जाने वाले किसानों को लुभाने या गिरफ्त में ले कर देश की नींव को कमजोर करने के लिये इस हथियार का प्रयोग किया जाना कितना सही है यह तो पता नहीं।

फिलहाल इस मामले का कडा विरोध जताते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भागलपुर में बिहार के कृषि मंत्री का पुतला तक फूँक डाला। जब बिहार कृषि विश्व विद्यालय के प्राचार्य की नींद टूटी तो कैबरे डांस कराने वाली कम्पनी महिंद्रा के वरीय एरिया मैनेजर के खिलाफ प्राथमिकी तक दर्ज करा डाली। वहीं क्षेत्रीय सांसद बुलो मंडल ने भी इसकी सरकारी जांच कराने की बात कही है। मामला चाहे जो भी हो लेकिन किसानों के लिये हुए कैबरे डांस ने अपराध का एक नया इतिहास बना डाला है।

अखबारी लाल मोटे चश्मे से आज के ही अखबार में आगे पढ़ता है कि भागलपुर कचहरी परिसर के पास ही सैदपुर के मुखिया राजेन्द्र प्रसाद सिंह से पौने दो लाख की लूट हो गयी। वहीं मधुबनी के एसडीजेएम कोर्ट से कुख्यात कैदी रंजीत महतो मोटर साइकिल से भाग निकला। जिसपर दो पहिया और चार पहिया वाहनों से जुड़े एक दर्जन मामले लंबित हैं। जबकि मोतिहारी में सीजेएम कोर्ट में समर्पण करने के बाद गुदरी बाजार निवासी सगीर अहमद फरार हो गया। जिसका जमानत का आवेदन अस्वीकार हो गया था। 
वहीं भागलपुर जिले में सुल्तानगंज के समीप खड़िया पिपरा हाल्ट के गेट मैन रूपेश कुमार को फिरौती के लिये अगवा कर लिया गया। तो नवगछिया पुलिस जिला के झंडापुर ओपी क्षेत्र में पप्पू यादव को खिला पिला कर नाव से बीच कोसी नदी में ले जाकर गोली मार दी और नदी में बहा दिया गया।

अखबारी लाल की आँखें मोटे चश्मे के अंदर तब फटी रह गयी जब आश्चर्य भरी समस्तीपुर की खबर पढ़ी। जहां समस्तीपुर में नगर थाना से चंद कदमों की दूरी पर स्थित विमेंस कालेज में इसी दिन हो रही स्नातक की परीक्षा के दौरान एक छात्र ने बगल की सीट वाली छात्रा की मांग सिंदूर से भर दी। वहाँ जिसकी हद पार करने की हरकत को हर किसी ने देखा, पर जो पकड़ा न जा सका। और तो और भीड़ भी तमाशबीन बनी रही। इसी साहस का ही नतीजा तो है कि कोसी क्षेत्र से मात्र 36 महीने में 520 बेटियाँ गायब हो गयी।

वहीं अखबारी लाल ने एक अखबार में पढ़ा कि नवगछिया के अनुमंडलीय अस्पताल में छह साल से कुंडली मारे बैठे हैं अस्पताल उपाधीक्षक। जिनके राज में रोगियों को नहीं मिल रही हैं सही सुविधायें, हो रही है मात्र खाना पूरी। नवगछिया कोर्ट में बारह दिनों से खराब पड़ी है फ्रेंकिंग मशीन। नारायणपुर के लोग पी रहे हैं मीठा जहर तथा रबूल नामक एक मुस्लिम अधेड़ हुआ नशाखुरानी गिरोह का शिकार, जिसे सीमांचल एक्सप्रेस से उतारा गया नवगछिया स्टेशन पर। 


अंत में अखबारी लाल मोटे चश्मे से आज ही पढ़ता है संगति का प्रभाव। जिसमें साफ साफ लिखा है कि मनुष्य अपनी संगति से पहचाना जाता है। मानव की संगति जैसी होती है वह धीरे धीरे वैसा ही बन जाता है। अज्ञानी का संग मानव के व्यक्तित्व व चरित्र का पतन करता है। वहीं ज्ञानी का साथ व्यक्तित्व व चरित्र का उन्नयन करता है।