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अजब गज़ब : गर्भवती गधी की मौत, मुख्यमंत्री ने दिया मुआवजा


आपने कभी सपने में भी सोचा होगा कि ऐसा भी होता है। पर यह भारत देश है जनाब जहां कुछ भी लीक से हटकर या उल्टा हो जाए तो खबर बन जाती है। खबर आ रही है मध्य प्रदेश के बैतूल जिले से। यहां एक गर्भवती गधी की मौत हो गई और इस गधी की मौत से इसका मालिक दुखी हो गया। जब इसके मालिक ने अपनी दुःख भरी कहानी जिले के कलेक्टर को सुनाई तो उन्होनें भावुक होकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिठ्ठी लिख डाली। चिठ्टी का दो महिने बाद असर हुआ और गधी के मालिक को 10 हजार रुपये मुआवजे के रुप में मिले।

अब आपको बताते है कि पूरी कहानी क्या है। दरहसल बैतूल के कोठी बाजार में रहने वाले कैलाश प्रजापति की गर्भवती गधी की तबीयत 24 अप्रैल को बिगड़ गई। कैलाश गधी को अस्पताल ले गया जहां इलाज न होने से उसकी मौत हो गई। चूंकि उसी दिन इस जिले में मतदान था तो इसी कारणवश सभी की ड्यूटी मतदान में लगी हुई थी।
गरीब कैलाश का एक मात्र रोजी रोटी का सहारा यह गधी थी, जिस पर वह मिट्टी लाकर उसके बर्तन बनाकर बेचता था। गधी की मौत से कैलाश और उसका परिवार दुखी हो गया और गधी के शव को हाथ ठेले पर लेकर कलेक्टर कार्यालय पंहुचा।
दरअसल समय पर इलाज ना मिलने से गधी की मौत हो जाने के मामले को बैतूल के कलेक्टर राजेश प्रसाद मिश्रा ने गंभीरता से लिया और मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर मुख्यमंत्री सहायता कोष से गधी के मालिक को दस हजार रुपये सहायता देने की अनुशंसा की थी। उन्होंने अपने पत्र में लिखा था की कैलाश गधी पर मिटटी के बर्तन बेच कर परिवार का गुजर बसर करता था इसलिए इस मामले को विशेष प्रकरण के रूप में लिया जाए।
इस बारे में राजेश प्रसाद मिश्रा ने कहा, गधी की मौत के बाद कैलाश की रोजी रुक गई थी। इसलिए मैंने सहानुभूतिपूर्वक पत्र लिखा था और मुझे खुशी है कि सहायता मंजूर भी हो गई।