उत्तराखंड में मौसम की करवट फिर से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए मुसीबत बनने लगी है। शनिवार रात और रविवार दोपहर चारों धामों में भारी बारिश और बर्फबारी के चलते जिला प्रशासन ने केदारनाथ यात्रा को 12 मई तक के लिए रोक दिया है। पैदल ट्रैक पर फंसे तकरीबन 200 श्रद्धालुओं को लिनचौली में ठहराया गया है। बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा फिलहाल जारी रखी गई है।
ऋषिकेश और सोनप्रयाग समेत पांच केंद्रों पर केदारनाथ धाम के लिए किए जा रहे बायोमीट्रिक पंजीकरण रोक दिए गए हैं। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी डॉ. राघव लंगर के अनुसार सोमवार शाम को मौसम की पूर्वानुमान रिपोर्ट लेकर तय किया जाएगा कि 13 मई से यात्रा शुारू की जाएगी या नहीं। मौसम के तेवरों को देखते हुए गोमुख जाने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। यहां भोजवासा इलाके में रात से हो रही बर्फबारी के कारण स्पेन का दस सदस्यों का पर्वतारोही दल और 14 पर्यटकों का दल भी फंस गया है। गंगोत्री नेशनल पार्क के अधिकारियों के अनुसार इन दलों से संपर्क करने में दिक्कतें पेश आ रही हैं। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे के अंतराल में चारों धामों में बारिश और बर्फबारी की आशंका जताई है।
शनिवार शाम से अचानक मौसम का मिजाज बदला, सुबह तक चारों धाम और ऊंची पहाड़ियां बर्फ की चादर से ढंक गई। रविवार को बर्फबारी और बारिश का सिलसिला चलता रहा। इससे केदारनाथ यात्रा सबसे ज्यादा प्रभावित हुई। एसडीएम उत्पल सिंह चौहान के अनुसार रविवार सुबह साढ़े छह बजे 137 यात्रियों का जत्था केदारनाथ के लिए रवाना हुआ, लेकिन मौसम खराब होने से धाम तक नहीं पहुंच पाए।
इसके बाद के सभी जत्थों को सोनप्रयाग में ही रोक दिया गया है। केदारनाथ में तीन और लिनचोली में चार लोगों की ठंड लगने से तबीयत बिगड़ गई, उन्हें दोपहर बाद हेलीकॉप्टर से सोनप्रयाग लाया गया।