चार राज्यों के चुनाव नतीजों का रविवार को खुलासा होने जा रहा है। जबकि पांचवें राज्य मिजोरम के चुनाव परिणाम सोमवार को आएंगे।
चुनाव नतीजों पर भाजपा और कांग्रेस दोनों का ही सब कुछ दांव पर लगा है। चुनावों में हार और जीत नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी दोनों का भविष्य तय करेगी। साथ ही चुनाव नतीजे दिल्ली की राजनीति में हवा बनाने वाली अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) का भी अस्तित्व तय करेंगे।
कांग्रेस और भाजपा में अंदरखाने संभावित नतीजों को लेकर गुपचुप बैठकें कर आगे की रणनीति पर बातचीत हो रही है। नतीजों से पहले ही दोनों पार्टियों के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में तो उन्हें कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है मगर दिल्ली और मिजोरम में कुछ कह नहीं सकते। इस पर भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता ने तो दो राज्यों में हार मान ली है अब रविवार को वे चारों में हार मान लेंगे।
चारों राज्यों के चुनाव की मतगणना सुबह आठ बजे शुरू होगी और सबेरे नौ बजे से शुरूआती रुझान सामने आने लगेंगे। लगभग दो बजे के आसपास जनादेश की तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी कि सेमीफाइनल की जंग किसने जीती और कौन पिछड़ गया।
मतदान के बाद आए राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सभी एग्जिट पोल में भाजपा को बढ़त मिलती दिखाई गई है। इससे भाजपा नेता उत्साहित हैं तो कांग्रेस के नेता परिणाम आने का इंतजार करने को कहकर मीडिया के सामने नहीं आ रहे। सेमीफाइनल के नतीजे भाजपा और कांग्रेस के लिए इसलिए भी बहुत अहम है, क्योंकि विधानसभा चुनाव से पहले दोनों पार्टियों में नेतृत्व में काफी परिवर्तन हुआ है।
कांग्रेस में चुनावी कमान पार्टी उपाध्यक्ष की कुर्सी संभालने के बाद राहुल गांधी के हाथ में आई है। तो अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी की पार्टी भाजपा ने मोदी को अपना प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनाया है। इस तरह चारों राज्यों के चुनाव एक तरह से राहुल बनाम मोदी माने जा रहे हैं।
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चुनावों में हार या जीत नरेंद्र मोदी को पार्टी के अंदर ही नहीं बल्कि देश की जनता के बीच उनकी हैसियत बता देगी। साथ ही राहुल को भी कुछ इसी तरह की स्थिति का सामना करना है। मोदी के सामने कांग्रेस ही नहीं बल्कि अपनी पार्टी के अंदर भी कई तरह की चुनौती है।
लाल कृष्ण आडवाणी और सुषमा स्वराज जैसे कई बड़े नेताओं को किनारे कर वह प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बने हैं। ऐसे में उनकी अंदरूनी चुनौती भी कम नहीं है। वहीं कांग्रेस को अगर हार मिलती है तो देशभर में राहुल के नेतृत्व में पार्टी के आगे बढ़ने को लेकर सवाल खड़े हो सकते हैं।
साथ ही पार्टी के अंदर भी उनके लिए बड़े निर्णय लेना इतना आसान नहीं होगा। भाजपा को उम्मीद है कि विधानसभा चुनावों के सेमीफाइनल के नतीजों से 2014 के लोकसभा चुनाव के फाइनल में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की राह आसान होगी तो कांग्रेस मोदी की राह रोकने के लिए अपनी जमीन बचाने की कोशिश में है।
काउंटडाउन
-8.00 सुबह शुरू होगी गिनती
-9.00 बजे से मिलने लगेंगे रुझान
-2.00 बजे तक जनादेश की तस्वीर हो जाएगी साफ