भारतीय
निर्वाचन आयोग ने योगगुरु बाबा रामदेव के शिविरों के आयोजन को सशर्त अनुमति
दी है। आयोग ने रामदेव के शिविरों की वीडियो रिकार्डिंग करने के निर्देश
दिए हैं। आयोग ने इस स्थिति से राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भी
अवगत कराया है। मध्य प्रदेश सहित देश के पांच राज्यों में अगले महीने
विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसके लिए आचार सिंहता भी लागू कर दी गई
है। आयोग ने इसके मद्देनजर रामदेव के शिविरों में राजनीतिक व्यक्तियों को
उद्घाटन अथवा समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित न किए
जाने, प्रचार संबंधी साहित्य का वितरण न किए जाने, योग शिविर मंच का उपयोग
राजनीतिक प्रचार के रूप में न किए जाने और आयोजकों द्वारा आचरण संहिता का
उल्लंघन न किए जाने जैसी शर्तो के साथ इनके आयोजन की अनुमति दी है।
साथ
ही आयोग ने तय शर्तो का उल्लंघन होने पर योग शिविरों के आयोजन की अनुमति
वापस लेने का अधिकार अपने पास रखा है। आयोजकों को यह भी सूचित करने को कहा
गया है कि प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से शिविरों के माध्यम से कोई
राजनीतिक संदेश न दिया जाए। यदि ऐसा होता है तो उसे निर्वाचन व्यय के रूप
में मानकर संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार के खर्च में जोड़ा जाएगा।
योग शिविर की सारी गतिविधियों की वीडियोग्राफी निर्वाचन अधिकारी के दल
द्वारा कराई जाएगी। शिविरों के आयोजकों को स्थानीय निकाय, पुलिस से
निर्धारित नियमों व कानूनों के अनुसार आयोजन की अनुमति लेनी होगी।