भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड का 17 साल पुराना रिश्ता टूट गया
है. इसकी औपचारिक घोषणा खुद जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने की. इस दौरान उनके
साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
भी मौजूद थे.
गठबंधन तोड़ने का ऐलान करते हुए शरद यादव ने कहा, 'हमारा गठबंधन 17 साल पुराना है. अटल जी और आडवाणी जी के साथ मिलकर एनडीए बनाया. पर पिछले 6-7 महीने में हालात बिगड़ गए. एनडीए अपने नेशनल एजेंडे से भटक गया. ऐसे में हमारी पार्टी का बीजेपी के साथ चल पाना मुश्किल है.'
शरद यादव ने कहा, 'अब जेडीयू और बीजेपी के रास्ते अलग-अलग हैं. पार्टी के कार्यकर्ताओं और देश के लोगों की भावनाओं को ध्यान रखते हुए जेडीयू ने गठबंधन से अलग होने का फैसला किया है.'
जेडीयू अध्यक्ष ने कहा कि गठबंधन यारी-दोस्ती से चलता है. लेकिन अब हालात बदल गए हैं. दोनों पार्टी के साथ चलने से किसी का फायदा नहीं होगा. ऐसे में गठबंधन से बाहर होना ही सही फैसला है.
वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम राज्य में संशय के माहौल को खत्म करना चाहते थे. बिहार में हमारी सरकार अच्छी चल रही थी. लेकिन हाल के दिनों में हालात बिगड़ गए. स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि तमाम कोशिशों के बावजूद गठबंधन को नहीं बचाया जा सकता था.'
इसके साथ बिहार के मुख्यमंत्री ने गठबंधन टूटने का ठीकरा इशारों ही इशारों में मोदी पर फोड़ दिया. नीतीश कुमार ने कहा, 'हमारी उपलब्धियों से लोगों को परेशानी होने लगी थी. एक बाहरी आदमी के इशारे पर हमारे काम में परेशानियां पैदा की जा रही थी.'
नीतीश कुमार ने यह भी जानकारी दी कि उन्होंने बीजेपी कोटे के 11 मंत्रियों को पद से हटाने की सिफारिश की है. नीतीश कुमार ने आरोप लगाया कि बीजेपी कोटे के मंत्रियों ने काम करना बंद कर दिया था. बुलाने के बावजूद वे कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए. जबकि सुशील मोदी ने पहले आने की बात कही थी पर बाद में वे नहीं आए.
नीतीश कुमार ने कहा, 'ऐसी स्थिति में काम करते रहना आसान नहीं था. हम किसी भी हालात में अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करेंगे. हम एक बार फिर विश्वास मत हासिल करेंगे. इसके लिए 19 जून को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है.
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि गठबंधन टूटने के लिए हमें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. हमें फैसला लेने के लिए मजबूर किया जाएगा व हमारे पास कोई और विकल्प नहीं था.
भी मौजूद थे.
गठबंधन तोड़ने का ऐलान करते हुए शरद यादव ने कहा, 'हमारा गठबंधन 17 साल पुराना है. अटल जी और आडवाणी जी के साथ मिलकर एनडीए बनाया. पर पिछले 6-7 महीने में हालात बिगड़ गए. एनडीए अपने नेशनल एजेंडे से भटक गया. ऐसे में हमारी पार्टी का बीजेपी के साथ चल पाना मुश्किल है.'
शरद यादव ने कहा, 'अब जेडीयू और बीजेपी के रास्ते अलग-अलग हैं. पार्टी के कार्यकर्ताओं और देश के लोगों की भावनाओं को ध्यान रखते हुए जेडीयू ने गठबंधन से अलग होने का फैसला किया है.'
जेडीयू अध्यक्ष ने कहा कि गठबंधन यारी-दोस्ती से चलता है. लेकिन अब हालात बदल गए हैं. दोनों पार्टी के साथ चलने से किसी का फायदा नहीं होगा. ऐसे में गठबंधन से बाहर होना ही सही फैसला है.
वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम राज्य में संशय के माहौल को खत्म करना चाहते थे. बिहार में हमारी सरकार अच्छी चल रही थी. लेकिन हाल के दिनों में हालात बिगड़ गए. स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि तमाम कोशिशों के बावजूद गठबंधन को नहीं बचाया जा सकता था.'
इसके साथ बिहार के मुख्यमंत्री ने गठबंधन टूटने का ठीकरा इशारों ही इशारों में मोदी पर फोड़ दिया. नीतीश कुमार ने कहा, 'हमारी उपलब्धियों से लोगों को परेशानी होने लगी थी. एक बाहरी आदमी के इशारे पर हमारे काम में परेशानियां पैदा की जा रही थी.'
नीतीश कुमार ने यह भी जानकारी दी कि उन्होंने बीजेपी कोटे के 11 मंत्रियों को पद से हटाने की सिफारिश की है. नीतीश कुमार ने आरोप लगाया कि बीजेपी कोटे के मंत्रियों ने काम करना बंद कर दिया था. बुलाने के बावजूद वे कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए. जबकि सुशील मोदी ने पहले आने की बात कही थी पर बाद में वे नहीं आए.
नीतीश कुमार ने कहा, 'ऐसी स्थिति में काम करते रहना आसान नहीं था. हम किसी भी हालात में अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करेंगे. हम एक बार फिर विश्वास मत हासिल करेंगे. इसके लिए 19 जून को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है.
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि गठबंधन टूटने के लिए हमें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. हमें फैसला लेने के लिए मजबूर किया जाएगा व हमारे पास कोई और विकल्प नहीं था.