रामगढ़ के भ्रमणशील पशु पदाधिकारी सह प्रभारी प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी
ने बुधवार को रामगढ़ बाजार के समीप पशु तस्करी के उद्देश्य से ले जाये जा रहे
26 मवेशी को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। हालांकि,
बुधवार देर शाम तक इस मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकी थी।
बुधवार की सुबह बिहार के नवगछिया से 26 मवेशी एक ट्रक में लादकर तस्करी के उद्देश्य से पश्चिम बंगाल के इलमबाजार ले जाया जा रहा था। रामगढ़ बाजार के समीप ट्रक के रुकने पर ग्रामीणों ने पूछताछ की जिसमें मवेशी लदे होने की जानकारी दी गयी। इस पर ग्रामीणों ने अंचलाधिकारी, थाना तथा प्रभारी पशुपालन पदाधिकारी को इसकी सूचना दी। पुलिस अधीक्षक को भी इसकी जानकारी दी गयी। सूचना मिलने पर अंचलाधिकारी डॉ. शिशिर कुमार सिंह तथा पशुपालन पदाधिकारी केसी झा मौके पर पहुंचे लेकिन एक घंटे बाद भी रामगढ़ थाना प्रभारी नहीं पहुंचे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि थाने की मिलीभगत से पशु की तस्करी होती है। अंचलाधिकारी ने ट्रक को थाने में लगवाने का आदेश प्रभारी पशुपालन पदाधिकारी को दिया। ट्रक में मौजूद मुंशी मो. सलीम ने बताया कि संबंधित सभी थाना के सहमति लेकर ही मवेशी को ले जाया जाता है। उन्होंने बताया कि रामगढ़ थाने को प्रति ट्रक 500 रुपये के हिसाब से दिया जाता है जिसे रामगढ़ बाजार का एक व्यक्ति ट्रक रोककर वसूलता है। प्रत्येक बुधवार तथा गुरुवार को रामगढ़ के रास्ते सैकड़ों मवेशी ट्रक में लादकर पश्चिम बंगाल ले जाया जाता है जहां से मवेशियों को बांग्लादेश भेज दिया जाता है। मवेशी से संबंधित कोई भी ठोस कागजात इनके पास मौजूद नहीं रहता है। प्रभारी प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी श्री झा ने कहा कि मवेशी को प्रखंड पशु चिकित्सालय परिसर में रखा गया है। मवेशी को रखने के लिए सरकार के पास कोई व्यवस्था नहीं है इसलिए व्यापारी को आर्थिक दंड लगाकर मवेशी वापस कर लिया जाएगा। इधर, थाना प्रभारी रामावतार यादव ने बताया कि पशु चिकित्सा प्रभारी द्वारा कार्रवाई की जा रही है। पुलिस द्वारा भी अगर ऐसे तस्करों को पकड़ा जाएगा तो निश्चित रूप से कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बुधवार देर शाम तक इस मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकी थी।
बुधवार की सुबह बिहार के नवगछिया से 26 मवेशी एक ट्रक में लादकर तस्करी के उद्देश्य से पश्चिम बंगाल के इलमबाजार ले जाया जा रहा था। रामगढ़ बाजार के समीप ट्रक के रुकने पर ग्रामीणों ने पूछताछ की जिसमें मवेशी लदे होने की जानकारी दी गयी। इस पर ग्रामीणों ने अंचलाधिकारी, थाना तथा प्रभारी पशुपालन पदाधिकारी को इसकी सूचना दी। पुलिस अधीक्षक को भी इसकी जानकारी दी गयी। सूचना मिलने पर अंचलाधिकारी डॉ. शिशिर कुमार सिंह तथा पशुपालन पदाधिकारी केसी झा मौके पर पहुंचे लेकिन एक घंटे बाद भी रामगढ़ थाना प्रभारी नहीं पहुंचे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि थाने की मिलीभगत से पशु की तस्करी होती है। अंचलाधिकारी ने ट्रक को थाने में लगवाने का आदेश प्रभारी पशुपालन पदाधिकारी को दिया। ट्रक में मौजूद मुंशी मो. सलीम ने बताया कि संबंधित सभी थाना के सहमति लेकर ही मवेशी को ले जाया जाता है। उन्होंने बताया कि रामगढ़ थाने को प्रति ट्रक 500 रुपये के हिसाब से दिया जाता है जिसे रामगढ़ बाजार का एक व्यक्ति ट्रक रोककर वसूलता है। प्रत्येक बुधवार तथा गुरुवार को रामगढ़ के रास्ते सैकड़ों मवेशी ट्रक में लादकर पश्चिम बंगाल ले जाया जाता है जहां से मवेशियों को बांग्लादेश भेज दिया जाता है। मवेशी से संबंधित कोई भी ठोस कागजात इनके पास मौजूद नहीं रहता है। प्रभारी प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी श्री झा ने कहा कि मवेशी को प्रखंड पशु चिकित्सालय परिसर में रखा गया है। मवेशी को रखने के लिए सरकार के पास कोई व्यवस्था नहीं है इसलिए व्यापारी को आर्थिक दंड लगाकर मवेशी वापस कर लिया जाएगा। इधर, थाना प्रभारी रामावतार यादव ने बताया कि पशु चिकित्सा प्रभारी द्वारा कार्रवाई की जा रही है। पुलिस द्वारा भी अगर ऐसे तस्करों को पकड़ा जाएगा तो निश्चित रूप से कानूनी कार्रवाई की जाएगी।