
कांग्रेस
नेता पी.सी.शर्मा के मुताबिक सारी दुनिया के लोगों नें देखा की कैसे नितिन
गडकरी भ्रष्टाचार में
लिप्त हैं और फर्जी कम्पनियों के नाम पर पैसा बनाया है। इसके बाद स्वामी विवेकान्द की तुलना दाउद से कर रहे हैं। हम इसकी निंदा करते हैं और उके खिलाफ केस दर्ज करने की मांग करते हैं।
लिप्त हैं और फर्जी कम्पनियों के नाम पर पैसा बनाया है। इसके बाद स्वामी विवेकान्द की तुलना दाउद से कर रहे हैं। हम इसकी निंदा करते हैं और उके खिलाफ केस दर्ज करने की मांग करते हैं।
मालूम हो कि महिलाओं से जुड़े एक कार्यक्रम
में भोपाल पहुंचे गडकरी ने अपने भाषण में स्वामी विवेकानंद और फरार माफिया
डॉन दाउद इब्राहिम का आईक्यू लेवल यानी बौद्धिक स्तर समान बता दिया था।
आईक्यू यानी इंटेलीजेंस क्योशेंट। जर्मन भाषा से निकले इस शब्द का इस्तेमाल
सबसे पहले मनोविज्ञानी विलियम स्टर्न ने इंसान के बौद्धिक स्तर को मापने
के लिए किया था। लेकिन गडकरी ने जब विज्ञान की इस उपकरण पर हाथ आजमाने की
कोशिश की तो उनकी राजनीति गड़बड़ा गई। कांग्रेस ने स्वामी विवेकानंद और
दाउद इब्राहिम को एक पलड़े में रखने के लिए उनकी तीखी निंदा की है।
सूचना
प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी के ने कहा कि यह बीजेपी की संस्कृति का
उत्कृष्ट प्रदर्शन है। स्वामी विवेकाकंद की तुलना दाउद इब्राहिम से करना
देश के सबसे बड़े बुद्धिजीवी का सबसे बड़ा अपमान है। स्पष्टीकरण से काम
नहीं चलेगा, बीजीपी को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए।
बीजेपी
के लिए विवेकानंद हमेशा आदर्श पुरुष रहे हैं। पिछले दिनों गुजरात के
मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य भर में युवा यात्रा निकाली तो नाम और
प्रतीक विवेकानंद ही रहे। ऐसे में गडकरी ने सफाई देकर मामले को संभालना ही
बेहतर समझा।
बाद
में गडकरी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद और दाउद इब्राहिम की मैंने कोई
तुलना नहीं की है। मैंने यही कहा कि अगर कोई बुद्धि का सही इस्तेमाल करता
है तो वो विवेकानंद हो सकता है और अगर गलत ढंग से करता है तो दाउद हो सकता
है। इसको गलत ढंग से समझा जा रहा है और कोई बात नहीं।