
स्वास्थ्य
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि डेंगू
राज्य से बाहर की बीमारी है।
त्योहारी मौसम में बाहर रहने वाले लोगों के घर लौटने के साथ ही उनके साथ
डेंगू आ रहा है। इनकी जांच होने के बाद डेंगू के मरीजों की संख्या में
इजाफा हो रहा है।
स्वास्थ्य
विभाग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक राज्य में अभी तक डेंगू की आशंका
में 1123 मरीजों को अलग- अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। जांच के
बाद 629 में डेंगू के लक्षण मिले हैं। राजधानी पटना में सबसे अधिक 313 लोग
डेंगू से ग्रस्त हैं। स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे के विधानसभा क्षेत्र
भागलपुर में अब तक 232 लोगों में डेंगू के लक्षण मिले हैं।
इधर
स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर राज्य के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर जांच
के लिए विशेष दल का गठन किया गया है।स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव राजेंद्र
प्रसाद ओझा ने बताया कि राजधानी में पटना जंक्शन और राजेन्द्र नगर स्टेशन
और भागलपुर रेलवे स्टेशन पर जांच दल को लगाया गया है।
उन्होंने
बताया कि समस्तीपुर और दरभंगा के सिविल सर्जनों को बाहर से आने वाले
मरीजों की जांच रेलवे स्टेशन परिसर पर ही करने का निर्देश दिया गया है।
वैसे चिकित्सकों का मानना है कि प्रत्येक बुखार डेंगू नहीं होता। आज सभी
लोग बुखार को डेंगू मानकर जांचघर पहुंच जा रहे हैं।
पटना
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रोफेसर बीरेन्द्र प्रसाद सिंह कहते हैं कि
अधिकतमर मामलों में यह देखा जा रहा है कि सामान्य बुखार होते ही मरीज को
डेंगू का भय सताने लगता है। जबकि 90 फीसदी से ज्यादा मरीजों में डेंगू के
लक्षण नहीं पाए जा रहे हैं।
वैसे
चिकित्सक कहते हैं कि समय रहते इलाज होने पर डेंगू से कोई खतरा नहीं है।
दो प्रकार के डेंगू में ज्यादातर मामले क्यूलेक्स मच्छर से होते हैं। दूसरे
प्रकार का हिमोरेजिक डेंगू थोड़ा खतरनाक अवश्य है लेकिन इसका भी इलाज संभव
है। चिकित्सकों का कहना है कि थोड़ी सी सावधानी के जरिए डेंगू से आसानी से
उबरा जा सकता है।
पटना
के जाने जाने-माने चिकित्सक दिवाकर तेजस्वी का कहना है कि हिमोरेजिक डेंगू
के दौरान रक्त में प्लेटलेट्स तेजी से नीचे आ जाता है और शरीर शरीर में
तरल पदार्थ की कमी हो जाती है। ऐसे मरीजों को तत्काल प्लेटलेट चढ़ाने की
जरूरत है।
इधर,
स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे कहते हैं कि राजधानी के करीब सभी बड़े
सरकारी अस्पतालों सहित प्रमुख नर्सिग होम डेंगू के इलाज की समुचित व्यवस्था
है। इसके अलावा विभाग लगातार लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है।
राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चिकित्सकों का दल डेंगू से पीड़ित
रोगियों का इलाज कर रहा है।
उन्होंने
कहा कि ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में लगातार मच्छर मारने के लिए दवाओं
का छिड़काव किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पटना और भागलपुर के अलावा
मुजफ्फरपुर, मुंगेर, बेगूसराय, समस्तीपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी और गया में
डेंगू के मरीज पाए गए हैं।