श्रावण मास के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि नाग पंचमी के रूप में मनाई जाती है। इस अवसर पर श्रद्धालु घरों की साफ-सफाई कर नाग देव के निमित्त पलाश के पत्तों में दूध और लावा मिश्रित कर चढ़ाते हैं। नवगछिया के राजेन्द्र कोलोनी निवासी प्रख्यात ज्योतिषाचार्य पं. शिव शंकर ठाकुर के अनुसार यह भी महत्वपूर्ण है कि सावन के सोमवार के दिन यह पर्व पड़ रहा है। मान्यता है कि इस दिन नागदेव के दर्शन से सर्पो के काटने भय नहीं रहता है। इस दिन काल सर्प योग के निवारण का साधारण उपाय भी विशेष फल देगा। काल सर्प योग वृश्चिक राशि में चल रहा है। यह योग 17 जून 2011 से है और 22 दिसंबर तक चलेगा। फिर सर्प योग तुला राशि से होते हुए कन्या राशि में प्रवेश करेगा। खास बात यह है कि काल सर्प योग के साथ राहु-केतु भी साथ हैं।