सड़क, मंदिर और थाना, कहीं भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। गुवाहाटी में करीब 15 मनचलों ने लड़की से सरेआम छेड़छाड़ की, बाल नोचे, सड़क पर घसीटा और इससे भी मन न भरा तो कपड़े फाड़ दिए। लड़की मिन्नतें करती रही, लेकिन न तो मनचलों का दिल पसीजा और न ही तमाशा देख रही भीड़ उसके बचाव में आई। तसल्ली की कुछ बात है तो बस यह कि मीडिया में आने और देश भर से बढ़ने के जनमत बाद पुलिस भी जागी और का इन मनचलों पर शिकंजा कसने लगा है। अब इस बात की उम्मीद जगने लगी है कि इनमें से कोई भी बच नहीं पाएगा। मगर, प्रदेश के पुलिस प्रमुख (डीजीपी) की टिप्पणी ने घाव पर नमक छिड़कने का काम किया है। उन्होंने पुलिस का बचाव करते हुए कहा कि पुलिस कोई एटीएम मशीन नहीं है कि कहीं भी-कभी भी हाजिर हो जाए।इस बीच बिहार के बेगुसराय में दबंगों ने दलित महिला को सिर्फ इसलिए पीटा क्योंकि वह मंदिर में पूजा-अर्चना करने चली गई थी। लखनऊ में भी दरोगा महिला को केस में फंसाने की धमकी देकर उसकी अस्मत पर डाका डालने लगा। शुक्र है कि ग्रामीण महिला को बचाने के लिए पहुंच गए।गुवाहाटी के जीएस रोड पर 15 लड़कों ने एक लड़की से करीब आधे घंटे तक छेड़छाड़ की और उसके कपड़े फाड़ डाले। लड़की सड़क पर मदद की गुहार लगाती रही लेकिन उसकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आया। लड़की मिन्नतें करते हुए कहती रही कि मुझे घर जाने दो, तुम्हारी भी बहनें हैं, लेकिन लड़कों ने उसे नहीं बख्शा।
वैदेही गुरुकुल
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