राजेश कनोडिया, नवगछिया |
ठंडक बढ़ने से मौसम कूल हो गया है। तभी तो सभी वर्गो के लोग फूल कपड़ों को निकालने लगे हैं। बढ़ती ठंडक को देखते हुए बच्चे, बूढ़े, बीमार ही नहीं बल्कि युवक और युवतियां भी अपने फूल कपड़ों को निखारने में लग गई है।
पारा गिरने से मौसम हुआ कूल
पिछले एक सप्ताह से तापमान के लगातार गिरने से ठंडक और कनकनी बढ़ती जा रही है। जिससे बच्चे, बूढ़े तथा बीमार पर प्रतिकूल असर पड़ने का खतरा बढ़ गया है।
स्कूलों ने भी जारी किए निर्देश
बढ़ती ठंडक को देखते हुए गांव तथा शहर की विभिन्न स्कूलों ने भी सभी बच्चों को फूल स्वेटर, फुलपैंट व टोरी तथा जूता-मौजा इत्यादि पूरी तरह से पहन कर ही स्कूल आने का निर्देश जारी कर दिया है।
बूढ़े एवं बीमार भी सतर्क
ठंड को लेकर बूढे़ तथा बीमार पूरी तरह से सतर्क हो चुके हैं। इस मौसम में खासकर हृदय रोगी, उच्च रक्तचाप रोगी, मधुमेह रोगी फूल कपड़े पहनने लगे हैं। अंदर मोटी बनियान उनकी खास जरूरत बन गई है।
युवाओं में छाया फूल का फैशन
: मौसम की मार से बचने को लेकर युवाओं में भी फूल कपड़े पहनने का इन दिनों फैशन-सा चल गया है। जिसके तहत लाचारी और फैशन दोनों तरह की जरूरतें पूरी हो रही हैं। इनमें सबसे ज्यादा जैकेट का चलन है।
कौन से निकले फूल कपड़े
इस समय फूल जैकेट, स्वेटर, बनियान से लेकर टोपी, मफलर, मौजा, चादर, ट्रोजर तक निकल चुके हैं। जिसका लोग मौसम की जरूरत के हिसाब से उपयोग करने लगे हैं।
क्या कहते हैं लोग
इस मौसम को लेकर युवा धीरज कुमार, संतोष कुमार, प्रवीण कुमार का कहना है कि सेहत के लिए फूल कपड़े पहनना ज्यादा जरूरी है।
क्या कहते हैं दुकानदार
परिधान व्यवसायी विनीत स्टोर के संदीप कुमार, चंदा मामा के बंटी मूनका, चांदनी ड्रेसेस के विश्र्वजीत कुमार, आशीर्वाद ड्रेसेस के पिंटू जायसवाल बताते हैं कि इन दिनों फूल तथा गर्म कपड़ों की मांग लगातार बढ़ रही है।