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आंतरिक ऊर्जा का ही नाम है दुर्गा : आगमानन्द


नवगछिया| दुर्गा परम शक्ति है। जो शिव शक्ति का ही एक विशेष रूप है। इसकी कृपा परम कल्याण कारिणी होती है। जीवन में जिस आंतरिक ऊर्जा की आवश्यकता जीव को होती है। उसी का नाम दुर्गा है। यह नाम तीन शब्दों से बना है। जो रजो गुण, तमो गुण तथा सतो गुण यानि तीनों गुणों से अतीत और युक्त भी है। दुर्गा की उपासना सबों के लिए परम लाभकारी है। उक्त बातें स्वामी आगमानन्द जी महाराज ने नवगछिया प्रखंड के खगड़ा ग्राम स्थित हनुमान मंदिर में आयोजित शिव शक्ति यज्ञ एवं कथा ज्ञान महायज्ञ के अंतिम दिन शुक्रवार की रात्रि अपने प्रवचन के दौरान कही। कथा ज्ञान यज्ञ का प्रारंभ पंडित विनीत विलोचन ने गणेश वंदना से किया। वहीं पंडित चंद्रकांत, पंडित भूषण ठाकुर, आचार्य प्रेम शंकर भारती, पंडित सुरेन्द्र शास्त्री, आचार्य शिव शंकर ठाकुर ने प्रवचन के माध्यम से कई ज्ञानवर्धक बातें कही। इसके अलावा मंटू महंथ, पंकज शास्त्री उपेन्द्र शास्त्री व डॉ. श्रवण शास्त्री ने जी जन कल्याणार्थ प्रवचन दिया। जिसका संचालन सेवानिवृत शिक्षक शंकरानन्द झा ने किया। स्थापित प्रतिमाओं का विसर्जन शनिवार को किया जाएगा।