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अब तो सुन लो हमारी पुकार


राजेश कानोडिया, नवगछिया | नवगछिया अनुमंडल के इस्माईलपुर प्रखंड में एक बार फिर कटाव का साया मंडराने लगा है। यहां गंगा कब, किस करवट अपना रूख बदल लेगी यह किसी को पता नहीं होता। अभी सात घर कटे दो माह भी नहीं बीते थे कि एक बार फिर दो दिनों के अंदर सात आशियाने गंगा की गर्त में समा गए। आगे भी लगातार कटाव जारी है। लाचार ग्रामीण इस पशोपेस में हैं कि वे जाएं तो जाएं कहां? दूर बैठी सरकार, कब सुनेगी उनकी पुकार? वहीं अधिकारी इस कटाव से अनजान बने हैं।
जिन लोगों के कटे घर
मंगलवार से बुधवार के बीच इस्माईलपुर गांव में फूटो मंडल, अनिरूद्ध मंडल, घोलटी कुमार, धनश्याम मंडल, साहेब मंडल, चतुरी मंडल व कारे लाल मंडल सहित कुल सात लोगों के घर कट चुके हैं।
कहां हो रहा कटाव
गंगा नदी का यह भीषण कटाव गांव के पास बने स्पर संख्या एक से सटे पश्चिम में जारी है।
पहले भी कटे थे घर
इसी गांव के सात लोगों के घर लगभग दो माह पहले भी कट चुके हैं। इससे पहले सकल देव मंडल, दिनेश मंडल, छेदी मंडल, पांचू मंडल, डिग्गा मंडल, मेघो मंडल एवं नागे मंडल के घर गंगा के कटाव से कट चुके हैं। यह जानकारी सरकारी अधिकारियों को भी है।
क्या कहते हैं ग्रामीण
गांव के फूदो मंडल, अनिरूद्ध मंडल, साहेब मंडल कहते हैं कि पहले तो हमारी जमीन कटी, अब हमारे आशियाने कट गए। आखिर हम अपने परिवार को लेकर कहां जाएं? प्रशासन की ओर से अबतक कोई भी सरकारी सहायता नहीं मिली है। अब तक न कटाव रोकने की पहल की गई और न ही कटाव पीडि़तों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था हो पाई है। फिलहाल रिंग बांध ही एक सहारा है। पता नहीं कब उसे भी मरम्मत के नाम पर खाली करना पड़ेगा।
क्या कहते हैं मुखिया
इस्माईलपुर के मुखिया मनोहर मंडल बताते हैं कि हमारा गांव पूरी तरह से उपेक्षित है। बड़ी उम्मीद से विधायक व सांसद को जिताया था। सरकार भी हमारी ही बनी, फिर भी गांव की दुर्गति हो रही है। अधिकारी सिर्फ सुनकर रह जाते हंै।