सत्संग और भगवान की कथा ही जीवन का सार है - परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज
नव-बिहार समाचार, सहरसा / नवगछिया। सत्संग और भगवान की कथा ही जीवन का सार है। भगवान की कथा सुनें, कथा कहें और भगवान को भजते रहें। ये बातें श्री शिवशक्ति योगपीठ नवगछिया के पीठाधीश्वर श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने गुरुवार को सहरसा में कही। श्री रामचंद्र रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज के सहरसा आगमन पर उनके शिष्य, साधक और अनुयायियों ने उनका भव्य स्वागत किया। बैजनाथपुर से शोभायात्रा के रूप में उन्हें सहरसा तक लाया गया। गाजे-बाजे के साथ सैकड़ों लोग शोभा यात्रा में शामिल थे। सभी भावविभोर थे। गुरुदेव भगवान बोलते हुए सभी पुष्प की वर्षा कर रहे थे।
शिष्यों ने उनकी पूजापाठ की। वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ चरण पादुका की पूजा हुई। स्वामी आगमानंद महाराज ने 51 लोगों को आध्यात्मिक गुरुदीक्षा दी। भजन सम्राट डा हिमांशु मोहन मिश्र दीपक जी, बलबीर सिंह बग्घा, माधवानंद ठाकुर, कपिश जी, पवन दूबे ने एक से बढ़कर एक दर्जनों भजन और गुरु वंदना गाए। पूरे कार्यक्रम का संयोजन विप्लव रंजन ने किया।
मौके पर विधायक आलोक रंजन, गीतकार राजकुमार, पंडित ज्योतिन्द्र प्रसाद चौधरी, कुंदन बाबा, मनोरंजन कुमार सिंह, स्वामी मानवानंद, दिलीप शास्त्री ने दीप प्रज्वलित कर कथा मंच का उद्घाटन किया। संचालन ज्योति कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर राजेश चंद्र सिंह, संजय राणा, डा सुमन, डा प्रीति, संतोष भगत, पवन कुमार, राजीव रंजन आदि मौजूद थे। गीतकार राजकुमार ने आओ दीप जलाएं गाकर कथा का शुभारंभ कराया। स्वामी आगमानंद महाराज ने कहा कि सत्संग और भगवान की कथा ही जीवन का सार है। भगवान की कथा सुनें, कथा कहें और ईश्वर को भजते रहें। विधायक आलोक रंजन ने गुरुदेव भगवान स्वामी आगमानंद को सहरसा आकर आशीर्वाद देने के: लिए बहुत आभार व्यक्त किया।