एक घड़ी आधी घड़ी, आधी में पुनि आध। तुलसी संगत साधु की, हरे कोटि अपराध - स्वामी आगमानंद
नव-बिहार, सहरसा। एक घड़ी आधी घड़ी, आधी में पुनि आध। तुलसी संगत साधु की, हरे कोटि अपराध।। ये उक्ति अपने आशीर्वचन में श्रीशिवशक्ति योगपीठ नवगछिया के पीठाधीश्वर श्री रामाचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद ने सहरसा के धबौली में ब्रजमोहन सिंह लाल बाबा के तत्वावधान में आयोजित श्री राम कथा के दूसरे दिन कही। श्री रामाचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद ने श्री रामचरित भगवान की है आरती से राम कथा की शुरुआत की।
इसके बाद जोरावर सिंह और फतेह सिंह को बलिदान की चर्चा करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। कहा कि 26 दिसंबर 1704 को सरहिंद के नवाब ने इस्लाम मत स्वीकार न करने पर गुरु गोबिंद सिंह जी के दो बेटों जोरावर सिंह और फतेह सिंह को जिंदा दीवार में चुनवा दिया था। दोनों बलिदानों की माता गुजरी भी शहीद हो गई थीं। स्वामी आगमानंद ने सनातन संस्कृति और हिन्दू धर्म के प्रति सबको न्यौछावर हो जाने का आव्हान किया। कहा कि भारत विश्व गुरु था है और रहेगा।
स्वामी आगमानंद जी ने कहा कि हरि अनंत हरि कथा अनंता।
एक घड़ी आधी घड़ी, आधी में पुनि आध। तुलसी संगत साधु की, हरे कोटि अपराध। इसलिए श्रधा, बिस्वास और चित्त स्थिर कर भगवान का नाम जपते रहें।
धर्म की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आप जिस धर्म में जन्में हैं उसी धर्म में अंत तक बने रहें.
मतांतर की चर्चा करते हुए स्वामी आगमानन्द जी ने कहा आज हिन्दू धर्म मानने वालों को प्रलोभन देकर उनका मतांतर करते हैं. ये दुर्भाग्य है। हिन्दू धर्म छोड़ कर जो लोग अन्य मतों में चले गए हैं, उन्हें हिन्दू धर्म में पुनः वापस लाएं।
इस दौरान स्वामी आगमानंद जी ने भगवान दत्तात्रेय की चर्चा की कहा कि आज उनकी जयंती है.
कथा के दौरान स्वामी आगमानन्द ने
राम नाम के नदिया बही रे बही जाय, चाहे ले नहाय... भजन गाकर सभी को राम के जन्मोत्सव में प्रवेश कराया. गुरु और संत की महिमा के बारे में बोलते हुए कहा यह चलता फिरता तीर्थ है. उन्होंने कहा कि संतों के शरण में रहें. जिनके सानिध्य में आप जब तक रहेंगे आपका कल्याण होता रहेगा. इस दौरान उन्होंने शेक्सपियर की कविता आल थिंग्स ब्राइट एंड ब्यूटीफुल के आधार पर कहा कि परमात्मा की सृष्टि काफी अद्भुत और अनुपम है. सब योग्य है. इसलिए किसी को नजरअंदाज नहीं करें. क्योंकि कभी-कभी चीटि के मुह में चीनी तो हाथी के सिर पे धूल भी रहता है. उन्होंने कहा भगवान का नाम सारे मंगलों का खान है।
इस अवसर पर ज्योति कुमार सिंह, कुंदन बाबा, मनोरंजन प्रसाद सिंह, राधेश्याम मिश्रा, राम बालक भाई, त्रिभुवन कुमार सिंह, अमिताभ सिंह, श्वेत कमल आदि उपस्थित थे.
पवन दुबे ने भजन गाए.