कहलगांव: राष्ट्रीय लोक अदालत में हुआ 305 वादों का निपटारा, पांच शाखा प्रबंधकों को किया गया सम्मानित
कन्हैया खंडेलवाल / नव-बिहार समाचार, कहलगांव (भागलपुर)। नालसा कार्य योजना के आलोक मे 13 मई शनिवार को व्यवहार न्यायालय कहलगांव परिसर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत मे आपसी सहमति के आधार पर कुल 305 वादों का निपटारा किया गया। मौके पर एक करोड़ 29 लाख 90 हजार 15 रूपए की राशि पर समझौता के उपरांत 53 लाख 96 हजार 4 सौ 70 रुपया की राशि वसूल की गई। विदित हो की अनुमंडल न्यायालय परिसर मे निपटारा हेतु जिला एवं सत्र न्यायाधीश के द्वारा अवर न्यायाधीश अमित कुमार शर्मा एवम मुंसिफ शिल्पा प्रशांत मिश्रा के नेतृत्व मे दो अलग अलग बेंच का भी गठन किया गया गया था। अवर न्यायाधीश श्री शर्मा के नेतृत्व में प्रथम बेंच जिसमे स्टेट बैंक, ग्रामीण बैंक, यूनियन बैंक और बीएसएनएल से जुड़े मामले थे। जिसमें अधिवक्ता पुरुषोत्तम कुमार सिंह और बेंच क्लर्क अखिलेश कुमार सहयोग कर रहे थे। दूसरे बेंच का नेतृत्व मुंसिफ शिल्पा प्रशांत मिश्रा कर रही थी। जिसमें यूको बैंक, इंडियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ़ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक से जुड़े मामले थे। इस बेंच में अधिवक्ता गणेश प्रसाद यादव और बेंच क्लर्क सैय्यद दिलावर हुसैन सहयोग कर रहे थे।
लोगों की सहायता हेतु एक हेल्प डेस्क भी बनाया गया था। जिसमे पारा लीगल वोलंटियर सत्या सुमन, चन्दन कुमार और अभिषेक, अविकाश और ऋषिकेश भी थे, जो लोगों की सहायता कर रहे थे। विदित हो की 5900 नोटिस पूर्व मे निर्गत किये गए थे और सभी का तामिला चौकीदार और पारा लीगल वोलंटियर के माध्यम से किया जा चुका था। निष्पादित वादों मे एसबीआई के 50, इंडियन बैंक के 04, पंजाब नेशनल बैंक के 01, युनियन बैंक के 46, बैंक ऑफ बड़ौदा के 02, आरोहन नन बैंकिंग के 13, ग्रामीण बैंक के 25, युको बैंक के 155 और बीएसएनएल के 08 वादों को निष्पादित किया गया है। इस अवसर पर न्यायाधीश अमित कुमार शर्मा और मुंसिफ शिल्पा प्रशांत मिश्रा ने पूर्व में 11 फरवरी को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में सांकेतिक राशि पर समझौता कर निर्धनों को ऋण मुक्त करने वाले 5 शाखा प्रबंधकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया और आगे भी सेवा भावना से करने की उम्मीद जताई। जिन पांच शाखा प्रबंधकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया उनके नाम हैं शिव कुमार (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, कहलगांव), परमानंद यादव (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, शिवनारायणपुर), विवेक कुमार (यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, अंतिचक), सुबोध रजक (दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक, शिवनारायणपुर), मणिकांत जी (यूको बैंक, पीरपैंती)।
अनुमंडल विधिक सेवा समिति व्यवहार न्यायालय कहलगांव द्वारा आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत की सक्सेस स्टोरी प्रथम मामला मोसमात शीला देवी से जुड़ा हैं। उक्तवाद में आवेदिका शीला देवी अनुसूचित जाति से जुड़ीं एक गरीब महिला हैं और इनके पति स्वर्गीय अर्जुन पासवान ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया कहलगांव की शाखा से लोन लिया था। पति की असमय मृत्यु के उपरांत आवेदिका पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। लोन चुकाना तो दूर की बात खाने के आफत हो गए। बैंक का नोटिस जाने के बाद आवेदिका न्यायलय के बेंच के समक्ष उपस्थित हुई और रोते हुए अपनी पीड़ा समिति के अध्यक्ष अवर न्यायाधीश अमित कुमार शर्मा को बताई। आवेदिका के पीड़ा को जान कर श्री शर्मा स्वयं विचलित हो गए और उन्होंने बैंक पदाधिकारी से आवेदिका के ऋण सम्बंधित जानकारी मांगी। तदुपरांत श्री शर्मा के निर्देश पर बैंक ने उनके पति द्वारा लिए गए बकाया ऋण को मात्र दो हजार में सेटल कर दिया। श्री शर्मा ने खुद ऋण की राशि अपने पॉकेट से दी और आवेदिका को ऋण मुक्त कर दिया। ऋण माफ़ी होते देख आवेदिका के आँखों में खुशी के आसूं बह निकले ।
दूसरा मामला अशोक कुमार पाण्डेय से जुड़ा है। उक्त वाद में अशोक कुमार पाण्डेय एक गरीब व्यक्ति हैं। इन्होने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शिवनारायणपुर की शाखा से लोन लिया था। गंगा की धार में खेत कट जाने से ये लोन चुकता न कर सकें। बैंक का नोटिस जाने के बाद आवेदक न्यायलय के बेंच के समक्ष उपस्थित हुए और अपनी बात बेंच को बताई बताई। बेंच द्वारा बैंक पदाधिकारी से आवेदक के ऋण सम्बंधित जानकारी मांगी गई। बेंच के निर्देश पर बैंक ने उनके द्वारा लिए गए कृषि बकाया ऋण जो 90,284 रुपया का था, को मात्र 10000/- में सेटल कर दिया गया। श्री पाण्डेय इतने कम में ऋण की राशि मुक्त होते देख बेच के प्रति कृतज्ञता महसूस कररहे थे ।
तीसरा मामला श्री प्रमोद कुमार सिंह से जुड़ा है। उक्त वाद में आवेदक एक गरीब व्यक्ति हैं। इन्होने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से लोन लिया था। समय पर ये लोन चुकता न कर सके। बैंक का नोटिस जाने के बाद आवेदक न्यायलय के बेंच के समक्ष उपस्थित हुए और अपनी बात बेंच को बताई बताई। बेंच के न्यायिक सदस्य मुंसिफ शिल्पा प्रशांत मिश्रा द्वारा बैंक पदाधिकारी से आवेदक के ऋण सम्बंधित जानकारी मांगी गई। बेंच के निर्देश पर बैंक ने उनके द्वारा लिए गए कृषि बकाया ऋण जो 2,04,000/- रूपया का था, को मात्र 25,000/- में सेटल कर दिया गया। आवेदक इतने कम में ऋण की राशि मुक्त होते देख काफी प्रसन्न थे।
चौथा मामला दीपक कुमार मंडल से जुड़ा है। उक्त वाद में आवेदक एक बेहद ही गरीब व्यक्ति हैं। इन्होने यूको बैंक पीरपैंती शाखा से कृषि लोन लिया था। समय पर ये लोन चुकता न कर सके। बैंक का नोटिस जाने के बाद आवेदक न्यायलय के बेंच के समक्ष उपस्थित हुए और अपनी व्यथा बेंच को बताई। बेंच द्वारा बैंक पदाधिकारी से आवेदक के ऋण सम्बंधित जानकारी मांगी गई। बेंच के निर्देश पर बैंक ने उनके द्वारा लिए गए कृषि बकाया ऋण जो 1,38,788/- रूपया का था, को मात्र 26,000/- में सेटल कर दिया गया। आवेदक इतने कम में ऋण की राशि मुक्त होते देख काफी प्रसन्न थे।
वहीं पाचवां मामला मो० इमाम खान से जुड़ा है। उक्त वाद में आवेदक एक बेहद ही गरीब व्यक्ति है। इन्होने ग्रामीण बैंक शिवनारायणपुर शाखा से लोन लिया था। समय पर ये लोन चुकता न कर सके। बैंक का नोटिस जाने के बाद आवेदक न्यायलय के बेंच के समक्ष उपस्थित हुए और अपनी व्यथा बेंच को बताई। बेंच द्वारा बैंक पदाधिकारी से आवेदक के ऋण सम्बंधित जानकारी मांगी गई। बेंच के निर्देश पर बैंक ने उनके द्वारा लिए गए कृषि बकाया ऋण जो 6,082/- रूपया का था, को मात्र 500/- में सेटल कर दिया गया। आवेदक इतने कम में ऋण की राशि मुक्त होते देख काफी प्रसन्न थे।
अवर न्यायाधीश श्री शर्मा ने बताया कि लोक अदालत मे हुए निस्तारण से वे संतुष्ट हैं और इसे और भी अधिक सफल करने का गंभीरता से प्रयास किया जा रहा है। साथ ही अनुमंडल विधिक सेवा समिति व्यवहार न्यायालय कहलगांव भागलपुर द्वारा आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत की जनहित एवं लोकहित में समाचार वीडियो व फोटो संकलन का उल्लेखनीय व बेहतरीन कार्य करने पर हमारे अनुमंडल संवाददाता सह समाजसेवी कन्हैया खंडेलवाल को भी अवर न्यायाधीश अमित कुमार शर्मा जी के हाथों प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर नाजिर अरविंद कुमार, चंदन नाथ चौधरी, दिलावर हुसैन, प्रदीप कुमार, सुमित कुमार सहित सभी कर्मचारी, अधिवक्ता विपुल कुमार, अधिवक्ता गोरखनाथ सिंह, अभिनव बिहारी (एलडीएम यूको बैंक), मनीष अग्रवाल (शाखा प्रबंधक यूको बैंक), राजीव कुमार (कन्वीनर एफएलसी), यमुना प्रसाद, संजय कुमार सिंह (सहायक प्रबंधक यूको बैंक), नीरज कुमार कुशवाहा (बीसी कहलगांव, यूको बैंक), सूरज कुमार (प्रबंधक आरोहण माइक्रोफाइनेंस) सहित सभी बैंकों के शाखा प्रबंधक अपनी टीम के साथ मौजूद थे। सभी कार्यक्रम प्राधिकार के मनीष पांडेय के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ।