ताजा समाचार :

6/Posts/ticker posts

अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच ने मनाया अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच ने मनाया अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
    
नव-बिहार समाचार, भागलपुर। अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच के तत्वावधान में संत छोटेलाल दास के आवासीय प्रांगण में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर केंद्रित एक सभा का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता ति.माँ.भा.वि.वि. भागलपुर के कुलगीतकार विद्या वाचस्पति आमोद कुमार मिश्र ने की। इस दौरान उन्होंने कहा कि  मातृभाषा के संस्कार को प्राप्त करके ही मनुष्य, मनुष्य की श्रेणी में परिणत होता है। इस अवसर पर उदय कुमार लिखित व्याकरण की पुस्तक 'संधि सूत्र नियमावली' और संतोष कुमार कनोडिया लखित 'महर्षि मेँहीँ के सत्संग-प्रवचन' का लोकार्पण उपस्थिति अतिथियों के द्वारा किया गया।

मौके पर स्वागताध्यक्ष संत श्री छोटे लाल दास ने कहा कि संसार में जितने भी महापुरुष अवतरित हुए सभी मातृ गर्भ से ही अवतरित हुए। सभी ने माँ के आँचल तले ही आध्यात्मिक और सांस्कृतिक चेतना पाई। भोजपुर से आई सुश्री भारती ने भोजपुरी में भक्ति परक रचना सस्वर सुनाई। डेहरीओनसोन से पधारे विशिष्ट अतिथि संत नरेन्द्र लाल जी ने रामायण के प्रसंग को उद्धृत करते हुए अपनी भावनाएं सुनाई। मुख्य अतिथि श्री कैलाश ठाकुर ने अंगिका साहित्य की अभिवृद्धि की विस्तृत चर्चा की। विशिष्ट अतिथि बगुला के संस्थापक रामावतार राही ने 'ईश्वर से शिकायत' शीर्षक व्यंग्य परक रचना सुनाई।विशिष्ट अतिथि प्रसून कुमार ठाकुर ने क्षणभंगुर संसार पर केंद्रित रचना सुनाई। विशिष्ट अतिथि मनोज कुमार मिश्र ने अपनी मातृभाषा की चर्चा करते हुए मातृभाषा परक रचना सुनाई।
मंच संचालन करते हुए कार्यकारी अध्यक्ष गीतकार राजकुमार ने मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ.मधुसूदन झा द्वारा प्रेषित मातृभाषा संबंधित वक्तव्य का पाठ करते हुए अपनी अभिव्यक्ति को रखते हुए कहा कि- 'मातृभाषा मात्र संवाद का ही कारक नहीं है, बल्कि संस्कृति, संस्कार एवं विरासत की संवाहिका है'। इस अवसर पर डॉ.अजित, ब्रजेश दास, राजेश कुमार, गुलशन कुमार, रोशन कुमार आदि ने भी मातृभाषा के प्रति अपने-अपने उद्गार व्यक्त किये।