ताजा समाचार :

6/Posts/ticker posts

इंडियन केमिकल सोसायटी द्वारा भागलपुर विवि में आयोजित हुआ दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार

इंडियन केमिकल सोसायटी द्वारा भागलपुर विवि में आयोजित हुआ दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार
राजेश कानोडिया, (नव-बिहार समाचार), भागलपुर। इंडियन केमिकल सोसायटी के शताब्दी वर्ष के दौरान भागलपुर चैप्टर द्वारा जीबी कॉलेज नवगछिया की सहभागिता से तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय अंतर्गत पीजी रसायन विभाग के हॉल में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार प्रारंभ हुआ। जहां विश्वविद्यालय की छात्राओं द्वारा सबसे पहले कुलगीत और स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। इसके बाद इंडियन केमिकल सोसाइटी के प्रो डीसी मुखर्जी, सचिव प्रो सुदीप कुमार दास, प्रो ज्योतिंद्र चौधरी, प्रो० राजकमल साहू, विज्ञान संकाय के डीन, प्रो० प्रभात कुमार राय एवं सेमिनार के संयोजक डा0 अशोक कुमार झा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन किया। वहीं आगत अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र एवं मोमेन्टो प्रदान कर किया गया। 
सेमिनार के संयोजक डा0 अशोक कुमार झा ने बताया कि इस अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में कुल 300 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया है। कुल चार वैज्ञानिक सत्र का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें कई शोध पत्र प्रस्तुत किये जायेंगे। विभागाध्यक्ष डा0 राजकमल साहू ने इस तरह के आयोजन से विभाग का सम्मान बढ़ने की बात कही। सेमिनार संयोजक डा0 अशोक झा ने बतलाया कि मानव हित हेतु पूरी दुनिया के रसायन विशेषज्ञों को आगे आना होगा ताकि ग्रीन हाइड्रोजन मिसन एवं जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। 
सेमिनार के पहले दिन प्रो० डी.सी मुखर्जी ने इंडियन केमिकल सोसाइटी की स्थापना और आचार्य पी. सी. रे के शोध एवं लक्ष्य के बारे में विस्तार से चर्चा की। सचिव प्रो० बिन्देश्वरी सिंह एवं कोषाध्यक्ष डा0 उषा शर्मा ने मंच संचालन किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो० एम. पी. साह एवं डा रवीन्द्र कुमार ने किया। इस अंतराष्ट्रीय सेमिनार में चेक रिपब्लिक (चेकोस्लोवाकिया) के डा गौरव गांगुली ने भी अपना व्याख्यान दिया। मुख्य रूप से डा0 राजीव कुमार सिंह, डा0 फिरोज अहमद, डा0 प्रीता बसु, डा० मनोरमा सिंह, डा0 प्रियंका, डा0 गरिमा, महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के डा0 अभिजीत कुमार भी उपस्थित थे।
इस दौरान डीडी पुणे के प्रोफेसर समर राय चौधरी ने रसायन उद्योग एवं हरित अर्थशास्त्र पर व्याख्यान देते हुए बताया कि भारत विश्व का छठा सबसे अधिक रसायन उद्योग लगाने वाला देश है। रसायनिक उद्योग द्वारा भारत के जीडीपी में 2.11 प्रतिशत योगदान करता है। अगले दशक तक भारत विश्व का तीसरा बृहद इकोनॉमी वाला देश बन जाएगा। जिसमें रसायन उद्योग की भूमिका
महत्वपूर्ण होगी। टोक्यो विश्वविद्यालय जापान के प्रोफेसर ताकाशीरो अकित्सु ने मेटल कंपलेक्सेस के संश्लेषण पर अपना वर्चुअल व्याख्यान गूगल मीट पर दिया। आईजर कोलकाता के प्रोफेसर लोकेश बिसाई ने नेचुरल प्रोडक्ट्स के ड्रग के रूप में उपयोग पर व्याख्यान देते हुए कैंसर रोधी दवा डोक्सो एबीसीन पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। साथ ही अल्जाइमर नामक डिजीज के बारे में भी अपना व्याख्यान दिया तथा बताया कि नेचुरल प्रोडक्ट्स से इस रोग का भी इलाज संभव है।
इस दौरान जर्मनी के एजेंसबर्ग विश्वविद्यालय के बुरखर्द कोनिंग ने कृत्रिम प्रकाश संश्लेषण पर व्याख्यान देते हुए बताया कि इस विधि में एटम इकोनामी के साथ-साथ ऊर्जा संरक्षण भी होता है। इस विधि से ऊर्जा दक्षता भी बढ़ाई जा सकती है। वहीं विश्व भारती शांति निकेतन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर भावातोष मंडल ने एंजाइमेटिक प्रतिक्रिया पर व्याख्यान देते हुए बताया कि घुलनशील एंजाइम को न ही पुनः उपयोग किया जा सकता है और ना ही पुनर्चक्रण किया जा सकता है। अतः इस विधि को अपनाया जाए कि एंजाइम को पुनः प्राप्त किया जा सके। विश्व भारती शांति निकेतन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्राणेश चौधरी ने मेटल गाइडेड फोटोक्रोमिक सिस्टम पर विस्तृत व्याख्यान देते हुए इसे जनोपयोगी बतलाया। वही आईआईटी पटना के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार सामंता ने माइक्रोवेव असिस्टेंट मैटेरियल प्रोसेसिंग पर अपना व्याख्यान दिया तथा फूड उद्योग प्रोसेसिंग में इसके प्रभाव की व्याख्या की। डॉ गरिमा, डॉ शुभजीत एवं डॉ राजेंद्र कुमार ने भी अपने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।