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BNMU : मानवाधिकार कार्यशाला में भाग लेंगे एनएसएस के पाँच स्वयंसेवक और एक कार्यक्रम पदाधिकारी

BNMU : मानवाधिकार कार्यशाला में भाग लेंगे एनएसएस के पाँच स्वयंसेवक और एक कार्यक्रम पदाधिकारी

मधेपुरा। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचसी) द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवकों के लिए 'मानवाधिकार' विषयक ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन प्रस्तावित है। इसमें बिहार के सभी विश्वविद्यालय, मधेपुरा से एक-एक कार्यक्रम पदाधिकारी और पाँच-पाँच स्वयंसेवक भाग लेंगे। राष्ट्रीय सेवा योजना के क्षेत्रीय निदेशक पीयूष परांजपे ने राष्ट्रीय सेवा योजना निदेशालय और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के पत्र के आलोक में सभी विश्वविद्यालयों को इसकी सूचना दी है। साथ ही विश्वविद्यालय से मानवाधिकार में रूचि रखने वाले पाँच स्वयंसेवकों और एक कार्यक्रम पदाधिकारी की सूची माँगी थी।

एनएसएस समन्वयक डाॅ. अभय कुमार ने बताया कि
विश्वविद्यालय द्वारा ससमय यह सूची भेज दी गई है। सूची में स्नातकोत्तर विभाग, मधेपुरा के शांतनु यदुवंशी, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा की नीशु कुमारी, यूवीके काॅलेज, कड़ामा की दीपशिखा, एएलवाई काॅलेज, त्रिवेणीगंज- सुपौल की खुशबू केजरीवाल और केपी काॅलेज, मुरलीगंज के सूरज कुमार और डाॅ. सुधांशु शेखर (कार्यक्रम पदाधिकारी) के नाम शामिल हैं।

मालूम हो कि डाॅ. शेखर लंबे समय से मानवाधिकार को लेकर शोध एवं सामाजिक जागरूकता कार्यक्रमों में सक्रिय रहे हैं। इस विषय पर इनकी एक पुस्तक भूमंडलीकरण और मानवाधिकार भी प्रकाशित हो चुकी है।

डाॅ. शेखर ने बताया कि  'मानवाधिकार' के अंतर्गत वे 'आधारभूत अधिकार' आते हैं। मानवाधिकार सभी मानवों का जन्मसिद्ध अधिकार है। इसे किसी से कोई नहीं छीन सकता है। ये अधिकार सदा और सर्वत्र देय हैं तथा सबके लिए समान हैं। व्यक्ति के जाति, धर्म, संप्रदाय, लिंग, रंग, आयु, प्रजातीय मूल, निवास स्थान, भाषा आदि का इन अधिकारों पर कोई प्रभाव नहीं होता।

उन्होंने बताया कि सभी मनुष्यों को मानवाधिकार के RF में आवश्यक जानकारी देना जरूरी है। अतः मानवाधिकार जागरूकता राष्ट्रीय सेवा योजना का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है।

उन्होंने बताया कि मानवाधिकार संरक्षण में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (स्थापना 1993) की महती भूमिका है। यह एक स्वायत्त विधिक संस्था है। यह सविंधान द्वारा अभिनिश्चित तथा अंतरराष्ट्रीय संधियों में निर्मित व्यक्तिगत अधिकारों का संरक्षक है। आयोग मानवाधिकार संरक्षण को लेकर कई कार्यक्रमों का आयोजन करता है। इसी कड़ी में एक मानवाधिकार कार्यशाला का आयोजन प्रस्तावित है।