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संस्कृत भाषा की प्रासंगिकता विदेशों में भी बढ़ी- डॉ रमण सिन्हा

संस्कृत भाषा की प्रासंगिकता विदेशों में भी बढ़ी- डॉ रमण सिन्हा
भागलपुर। एसएम कॉलेज के संस्कृत विभाग में बुधवार को संस्कृत सप्ताह के समापन पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर प्राचार्य डॉ रमण सिन्हा ने कहा कि संस्कृत भाषा में कैरियर की असीम संभावनाएं हैं। यह एक लोकप्रिय भाषा भी है। संस्कृत की प्रासंगिकता देश ही नहीं विदेशों में भी बढ़ी है। इस भाषा को संरक्षण की काफी जरूरत है। वहीं पीजी हेड डॉ मधु कुमारी ने कहा कि संस्कृत एक प्राचीन व पुरातन भाषा है। संस्कृत सप्ताह पर चर्चा करते हुए कहा कि सप्ताह मनाने का उद्देश्य संस्कृत भाषा को लोगों तक पहुंचाना है। 
डॉ दीपक कुमार दिनकर ने कहा कि मनुष्य के जन्म से मृत्यु तक होने वाले कर्मकांड के कार्यों में संस्कृत का प्रयोग होता है। पुरातन के साथ साथ यह रोजगार सृजन की भी भाषा है। मंच संचालन डॉ विनोद चौधरी व धन्यवाद ज्ञापन डॉ गुड़िया ने किया। मौके पर डॉ श्वेता सिंह, डॉ नीलम महतो, डॉ आशा तिवारी ओझा, डॉ हिमांशु शेखर सहित विभाग की छात्रा मौजूद थी।