नव-बिहार न्यूज एजेंसी (NNA),पटना। बिहार का बजट कल मंगलवार 27 फरवरी को डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने विपक्ष के हंगामे के बीच पेश कर दिया. बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए एक लाख 76 हजार 990 करोड़ का बजट पेश किया. इसमें शिक्षित बिहार और खुशहाल गांव पर विशेष जोर दिया गया है. इस बजट में स्टूडेंट्स का भी विशेष ध्यान रखा गया है. खास कर छात्रों को एजुकेशन लोन आसानी से मिले इसके लिए शिक्षा वित्त निगम को जिम्मेदारी दी जाएगी.
बजट के मुताबिक बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए सस्ती दर पर विद्यार्थियों को लोन देने के लिए शिक्षा वित्त निगम का गठन किया जा रहा है, जो एक अप्रैल, 2018 से प्रभावी होगा. इसके तहत बैंकों के मुकाबले सस्ती दर पर लोन मिलेंगे. निगम द्वारा पॉलिटेक्निक व आईटीआई करने के लिए भी विद्यार्थियों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत लोन मिलेगा.
इस बजट में सबसे अधिक 32,125 करोड़ शिक्षा विभाग को दिया गया है. पिछले बार शिक्षा बजट 25 हजार करोड़ रुपये का था. शिक्षा बजट में सात हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की वृद्धि की गयी है. बजट भाषण में वित्तमंत्री-सह-डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने इस बात की घोषणा की कि प्रत्येक मंडल में आईटीआई खोले जायेंगे. साथ ही नये इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जाने की भी घोषणा की गयी. मंत्री ने सभी मेडिकल कॉलेज में आई बैंक खोले जाने की घोषणा की है.
सात निश्चय पर भी बजट में पूरा ध्यान दिया गया है। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार सात निश्चय के तहत युवाओं के कौशल विकास, महिला सशक्तीकरण, हर घर बिजली, सभी घरों में नल का जल, शौचालय निर्माण, गांवों में पक्की गली निर्माण और टोलों को संपर्कता प्रदान की जाएगी. इन सभी पर वर्ष 2020 तक 2.70 लाख करोड़ खर्च होंगे.
वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी द्वारा मंगलवार को विधानमंडल में पेश अगले साल का बजट चालू वित्तीय वर्ष से 17 हजार करोड़ रुपए अधिक है. योजना मद में अगले साल 92,317 करोड़ खर्च होंगे, जो वर्तमान वर्ष से 12 हजार करोड़ अधिक हैं। गैर योजना में 84,672 करोड़ खर्च होंगे। अगले साल सड़क निर्माण पर 17,397 करोड़ का प्रावधान किया गया है. यह राशि कुल बजट का लगभग 10% है. इससे शहरों व गांवों में सड़कों का नेटवर्क और पुख्ता किया जाएगा. ऊर्जा के विकास पर 6186 करोड़ व कमजोर वर्ग के कल्याण पर 10,188 करोड़ खर्च किए जाएंगे.