भागलपुर का सरकारी संयुक्त भवन।
गिरधारी लाल जोशी, भागलपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘स्मार्ट सिटी परियोजना’ का भागलपुर में ऐसा हाल है, मानो योजना कागजों पर ही दम तोड़ देगी। शहरी विकास मंत्रालय अगले साल जनवरी में देश के विभिन्न राज्यों के 10 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने की सूची में शामिल करने वाला है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि डेढ़ साल से ज्यादा समय से पहले घोषित शहरों का क्या हाल है? लेकिन यह जानने की कोशिश पता नहीं क्यों नहीं हो रही है। भागलपुर ‘स्मार्ट सिटी परियोजना’ की पहली सूची में घोषित शहरों में से एक है। भागलपुर का सरकारी संयुक्त भवन पीने के पानी को तरस रहा है। शहर का हाल बेहाल है और लोगों को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं।
इस संवाददाता ने सोमवार को संयुक्त भवन के सूचना व जनसंपर्क विभाग के डिप्टी डायरेक्टर के दफ्तर समेत कई अन्य विभागों के दफ्तरों का मुआयना किया। आप यह जानकर हैरान हो सकते हैं कि यहां काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारी दोनों ही पानी खरीद कर पीते हैं। शौचालय में पानी बोतल में लेकर जाते हैं। साफ है कि सरकारी तौर पर यहां पीने या इस्तेमाल के पानी का कोई इंतजाम नहीं है। आलम ये है कि डर से कोई बोलता भी नहीं है। लेकिन नाम न छापने की शर्त पर इस बात को सभी कबूलते हैं कि यहां बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है। हमें बड़े अधिकारियों का डर जो है।