नव-बिहार समाचार, भागलपुर। राजभवन से मिले निर्देश के तहत गुरुवार को तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नलिनी कांत झा ने बड़ी कार्रवाई करते हुए विभिन्न विभागों में कार्यरत 133 अतिथि व्याख्याताओं की सेवा समाप्त कर दी है। इन अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति पूर्व प्रभारी वीसी प्रो. नीलांबुज वर्मा के समय हुई थी। सिंडिकेट ने कुलपति को इसके लिए अधिकृत किया था।
पूर्व वीसी प्रो. वर्मा के समय 100 से ऊपर अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति बिना विज्ञापन निकाल की गई थी। इसके अलावा कुछ संविदाकर्मियों को स्थायी नौकरी दे दी गई थी। तीन कॉलेजों को दो साल के लिए संबद्धन भी दिया गया था। पूर्व वीसी सिर्फ रूटीन काम के प्रभार में थे लेकिन नियमों को ताक पर रख उन्होंने सारे काम कर दिए। इसकी शिकायत राजभवन की गई, जहां से जस्टिस अखिलेश चंद्रा की कमेटी बनी। हाल में ही कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में पूर्व वीसी के समय हुए कामों का गलत ठहराया। इसके बाद राजभवन ने कुलपति को मामले पर कार्रवाई करके रिपोर्ट देने को कहा था।
कल से परसों तक 17 कर्मचारी भी होंगे बर्खास्त
अतिथि व्याख्याताओं को हटाने के बाद अब स्थायी हुए कर्मचारियों पर तलवार लटकने लगी है। विवि सूत्रों के अनुसार शुक्रवार से शनिवार तक उस समय नियमित हुए करीब 17 कर्मचारी भी बर्खास्त किए जाएंगे। इन कर्मचारियों को अतिथि व्याख्याताओं के साथ ही बर्खास्त होना था लेकिन पहली सूची निकालने में देर हो जाने से इसको एक-दो दिन टाल दिया गया।
पूर्व वीसी और रजिस्ट्रार पर भी कार्रवाई
विवि प्रशासन पूर्व प्रभारी कुलपति डॉ. वर्मा और उस समय के रजिस्ट्रार पर भी कार्रवाई करने जा रहा है। राजभवन से हरी झंडी मिलने के बाद इसके लिए पत्र भी जारी कर दिया गया है। दोनों अधिकारियों पर बिना अधिकार के विवि में नियुक्ति और वित्तीय काम करने का आरोप है। सूत्रों के अनुसार दोनों अधिकारियों के खिलाफ विवि प्रशासन एफआईआर भी दर्ज करा सकती है।