नव-बिहार न्यूज नेटवर्क: बिहार में इन दिनों क्राइम ऑउट ऑफ कंट्रोल नजर आने लगा है। सबसे अधिक पटना जिले में अपराधिक वारदात को अंजाम दिया जा रहा है। सितंबर महीने की ही बात कर लें तो हालात काफी भयावह है। इस माह में विभिन्न जिलों में घटी हत्या की वारदातो पर नजर डालें तो राजधानी पटना ही टॉप पर है।
पटना जिले में जहां 16, वहीं गया में 13, भागलपुर में 09, नालंदा में 06, कटिहार में 06, बेतिया में 06, बेगूसराय में 05, सीतामढ़ी में 05, समस्तीपुर में 05, कैमूर में 05, हाजीपुर में 05, सासाराम में 05, बांका में 05 हत्याएं हुई हैं। जबकि जहानाबाद में 04, गोपालगंज में 04, छपरा में 03, खगड़िया में 03, शेखपुरा में 03, पूर्णिया में 03, किशनगंज में 03, मुंगेर में 03, सीवान में 03, नवादा में-03, अररिया में 02, सुपौल-में 02, मोतिहारी में 02 और जमुई में 01 हत्या की घटना हुई हैं।
हाल के दिनों के कुछ घटनाओं की बात करें तो बिहार में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। आंकड़े इस सच्चाई को बयां कर रहे हैं। सूबे में गिरती कानून व्यवस्था के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समीक्षात्मक बैठक में भी पुलिस महकमें के आलाधिकारियो को जमकर फटकार लगाई, लेकिन इसके बावजूद अपराधी ताबड़तोड़ गोलियां बरसा रहे हैं।
बिहार के भोजपुर जिले का उदवंतनगर में शनिवार की देर शाम थाना क्षेत्र के बेलाउर गांव के चकरदह टोला में एक युवक की गोली मार कर हत्या कर दी गई। शनिवार को ही बेगूसराय जिले के मटिहानी थाना क्षेत्र के रामदीरी में बेखौफ अपराधियों ने पूर्व मुखिया मुन्ना सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी। एक दिन में हत्या की सिर्फ ये दो वारदात ही बताने को काफी है कि बिहार में अपराधियों का मनोबल किस हद तक बढ़ गया है।