नईदिल्ली: वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर के मर्जर का ऐलान कर दिया गया है. वोडाफोन बोर्ड ने सोमवार को विलय के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी. वोडाफोन पीएलसी ने आइडिया सेल्युलर के साथ विलय का ऐलान कर दिया. आइडिया सेलुलर बोर्ड ने वोडाफोन इंडिया लिमिटेड और इसके पूर्ण स्वामित्व वाली वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज के कंपनी के साथ विलय को मंजूरी दी.
इसके तहत वोडाफोन इंडिया और इसके पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज लिमिटेड का आदित्य बिड़ला ग्रुप के आइडिया सेल्युलर में विलय हो जाएगा. आइडिया और वोडाफोन की विलय प्रक्रिया अगले साल तक पूरी हो जाएगी. नई कंपनी में वोडाफोन की हिस्सेदारी 45 प्रतिशत जबकि आइडिया की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत होगी. आगे जाकर आदित्य बिड़ला ग्रुप और वोडाफोन का हिस्सा बराबर हो जाएगा. आइडिया का वैल्युएशन 72,2000 करोड़ रुपया होगा.
आइडिया ने कहा है कि नई कंपनी में वोडाफोन के पास 45% हिस्सेदारी होगी। वहीं, आइडिया के पास 26% हिस्सेदारी होगी। आइडिया ने यह भी कहा है कि वोडाफोन करीब 4.9% हिस्सेदारी आइडिया प्रोमोटर्स को ट्रांसफर करेगी. माना जा रहा है कि यह टेलिकॉम इंडस्ट्री की सबसे बड़ी डील है. मर्जर हुई कंपनी में वोडाफोन 50% हिस्सेदारी ट्रांसफर करेगी.
मर्जर से क्या होगा असर
पहले ये खबर थी कि रिलायंस जियो का मुकाबला करने के लिए आइडिया और वोडाफोन का मर्जर होने जा रहा है। इससे देशभर में फैले आइडिया और वोडाफोन से बड़ी संख्या में लोगों की सेवाएं समाप्त हो सकती हैं। दोनों कंपनियों के मर्जर से जुड़े लोगों का मानना है कि देश में तीन लाख से ज्यादा लोग टेलिकॉम इंडस्ट्री में नौकरी करते हैं। लेकिन अगले 18 महीने की मर्जर प्रक्रिया के दौरान टेलिकॉम इंडस्ट्री से 10,000 से 25,000 लोगों की नौकरी पर तलवार लटक रही है।