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नास्तिक युग में आध्यात्मिक ज्योति एक चुनौती- तपेश्वरनाथ

राजेश कानोडिया, नवगछिया (भागलपुर)। इस नास्तिक युग में आध्यात्मिक ज्योति किसी एक चुनौती से कहीं कम नहीं है। जहां एक तरफ सारा जगत नास्तिकता की ओर बढ़ रहा है । वहां परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज द्वारा श्रीशिवशक्ति योग पीठ की स्थापना कर अध्यात्म की ज्योति से धरती पर सभी प्राणियों का कल्याण कर रहे हैं। ये बातें तिमाभाविवि भागलपुर के स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग के पूर्व संकायाध्यक्ष प्रो डॉ तपेश्वरनाथ जी ने महाशिवरात्रि के मौके पर नवगछिया में आयोजित त्रिदिवसीय श्रीशिवशक्ति योग पीठ के उद्घाटन समारोह में स्वस्ति वाचन और दीप प्रज्वलन के बाद समारोह को संबोधित करते हुए कही।

इस मौके पर परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज द्वारा रचित "श्रीराम गीता का मर्म" नामक पुस्तक का विमोचन करने के दौरान तिमाभाविवि भागलपुर के स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग के पूर्व संकायाध्यक्ष प्रो डॉ नृपेन्द्र वर्मा ने कहा कि तुलसीदास जी द्वारा रचित श्रीराम चरित मानस को विश्व का सर्वश्रेष्ठ ग्रन्थ माना जाता है। विदेशियों ने इसके मर्म को सबसे पहले पहचाना और इस तुलसी साहित्य में पीएचडी की थी। इसके साथ ही उन्होंने आध्यात्मिक ज्योति नामक पत्रिका के बारे में कहा कि यह पत्रिका भविष्य में गोरखपुर के गीता प्रेस से प्रकाशित कल्याण का विकल्प साबित हो सकती है।

उद्घाटन समारोह के मौके पर तिमाभाविवि के स्नातकोत्तर रसायन शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो डॉ ज्योतिन्द्र चौधरी ने कहा कि आज प्रकृति में भी बदलाव होने के संकेत मिल रहे हैं। इस पर भी शोध करते हुए अध्यात्म की ज्योति जलानी है। इसी मौके पर स्नातकोत्तर हिन्दी और अंगिका विभाग के प्रो डॉ बहादुर मिश्र ने बताया कि आज काफी अच्छा संयोग है कि महाशिवरात्रि के दिन श्रीशिवशक्ति योग पीठ का उद्घाटन हो रहा है। वैसे भी भगवान शिव ने ही योग की पहली शिक्षा अपनी पत्नी पार्वती (शक्ति) को दी थी। इस दौरान उन्होंने योग के महत्त्व पर विस्तार से प्रकाश भी डाला।

इस योगपीठ के उद्घाटन के मौके पर समारोह के उद्घाटन कर्ता प्रो डॉ तपेश्वरनाथ जी, पुस्तक विमोचन कर्ता प्रो डॉ नृपेन्द्र वर्मा जी, पत्रिका के 14वें अंक के विमोचन कर्ता प्रो डॉ ज्योतिन्द्र चौधरी के अलावा मुख्य अतिथि प्रो डॉ बहादुर मिश्र, विशिष्ट अतिथि प्रभात खबर भागलपुर संस्करण के स्थानीय सम्पादक वृजेन्द्र दुबे और शारदा संगीत सदन के निदेशक पं शंकर मिश्र नाहर जी माल्यार्पण पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया। समारोह का संचालन बिसौनी के मनोज मिश्र कर रहे थे। इस मौके पर पं शिवशंकर ठाकुर, अनिमेष सिंह, कुंदन सिंह, पूर्व डीएसपी अरविन्द कुमार सिंह, कवि भगवान प्रलय, शिवशरण पोद्दार, प्रो महावीर साह सहित सैकड़ों गणमान्य तथा हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण मौजूद देखे गये।

श्री शिवशक्ति योगपीठ के उद्घाटन को लेकर 23 फरवरी को  पंडित कौशलेंद्र एवं अन्य सहयोगियों द्वारा वेदी निर्माण और प्राकपूजन किया गया। अगले दिन 24 फरवरी को सुबह चार बजे से कपूर मंगल आरती प्रारंभ की गयी। इसके बाद पंचदेव अथर्वशीर्ष एवं पंचसूक्त का पंडित शंभूनाथ वैदिक एवं पंडित अनिरुद्ध जी के साथ सहयोगी आचार्य द्वारा पाठ किया गया। मौके पर ही विनोद विश्वाश एवं रंजनदेव द्वारा योग क्रिया भी करायी गयी। तत्पश्चात महाशिवरात्रि के मौके पर पंडित शंभूनाथ वैदिकौर पंडित अनिरुद्ध जी द्वारा नार्मदेश्वर एवं 11 पार्थिव लिंग पर षडंग अभिषेक भी किया गया।