भागलपुर (नवबिहार न्यूज नेटवर्क) : अगर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसी की मृत्यु सांप काटने से होती है तो उसे बाढ़ के कारण हुई मौत माना जाएगा। वैसे मृतक के आश्रितों को भी
चार-चार लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा। डीएम आदेश तितरमारे ने सभी सीओ को 12 घंटे के अंदर सभी मृतक के परिजनों को मुआवजा का भुगतान करने का निर्देश दिया है। साथ ही यह भी कहा कि ऐसा नहीं करने वाले सीओ के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। रविवार को डीआरडीए में डीएम की अध्यक्षता में सभी बीडीओ, सीओ, राहत शिविर के प्रभारियों के अलावा जिलास्तरीय अधिकारियों की बैठक हुई।
इसमें बाढ़ के दौरान हुई मौत के मामले में मुआवजा वितरण की समीक्षा भी की गई। डीएम ने कहा है कि सीओ पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार नहीं करें। अगर थाना में मौत को लेकर यूडी केस दर्ज हुआ है तो स्वयं संतुष्ट होकर मुआवजा राशि का भुगतान करें। डीएम ने कहा कि पूर्व में जो भी अप्राकृतिक मौत की घटनाएं हुई हैं। उसके आश्रितों को भी मुआवजा का भुगतान जल्द किया जाए।
बैठक में निर्णय लिया गया कि जिस क्षेत्र में बाढ़ का पानी उतर गया है। उस क्षेत्र का निरीक्षण वरीय अधिकारी करेंगे। संतुष्ट होने पर राहत शिविर को बंद कर दिया जाएगा। बताया गया कि जिले में भी छोटे राहत शिविरों को बंद कर दिया गया है। शेष राहत शिविरों में नियमानुसार व्यवस्था जारी रखने का निर्देश दिया गया। हवाई अड्डा स्थित शिविर के कई लोगों ने डीएम से मिलकर बताया कि गांव में कीचड़ है। गांव में रहने की स्थिति नहीं है। डीएम ने तीन दिन तक शिविर चलाने का निर्देश दिया। बैठक में डीडीसी सह आपदा प्रबंधन के वरीय पदाधिकारी अमित कुमार, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अमलेन्दु कुमार सिंह, जिला भू अर्जन पदाधिकारी जितेन्द्र प्रसाद साह, गोपनीय प्रभारी चंदन कुमार आदि उपस्थित थे।