पटना : गंगा के जलस्तर में कमी के बावजूद नवगछिया के लोगों का दर्द कम नहीं हो रहा है. न केवल सभी सरकारी कार्यालय बाढ़ के पानी के चपेट में है, बल्कि इन दिनों न्याय का मंदिर भी जलमग्न
हो चुका है. जिससे न्यायिक कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. आलम यह है कि न्यायालय को भी नाव पर सवार होना पड़ा. बोट के जरिए कोर्ट को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया.
कोर्ट और कोर्ट परिसर पूरी तरह जलमग्न है. न्याय देने वाले जज से लेकर दलील पेश करने वाले वकील तक बोट के सहारे कोर्ट शिफ्ट कराने में जुटे हैं. कोर्ट में केस की सुनवाई थी, कोर्ट में वकील भी पहुंचे और जज भी. लेकिन, अदालत का स्थान बदला हुआ था. दरअसल जज और वकील कागजातों के साथ नाव पर सवार होकर दूसरे स्थान पर निकल पड़े.
कोर्ट परिसर में करीब आठ फीट तक पानी है. लेकिन, कोर्ट के एसीजेएम का दावा है कि कोर्ट के सारे अभिलेख सुरक्षित है और इस आपदा में भी न्यायिकप्रणाली जारी है. बहरहाल इस्माइलपुर के लक्ष्मीपुर के पास बांध टूटने के कारण लगातार नवगछिया के नये इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर रहा है.
जिससे बाढ़ की त्रासद पूर्ण स्थिति पैदा हो रही है. ऐसे में न्याय व्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ा है. जबकि, पहले ही जेल में पानी प्रवेश करने के कारण कैदियों को भागलपुर शिफ्ट कर दिया गया है. इसके साथ ही कई इलाकों में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वे दाने-दाने के लिए मोहताज हैं.
साभार- एबीपी न्यूज.
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